In politics, even known enemies become best friends for selfish reasons: मोहब्बत और अदावत की तरह ही सियासत में भी सब कुछ जायज माना जाता है। जानी दुश्मन भी जिगरी दोस्त बन जाते हैं बशर्ते उनके स्वार्थ की पूर्ति हो।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को वहां की जनता ने बुरी तरह से नकार दिया है।
दोनों बेचारे बिना सहारे हो गये हैं और बिन ताले की चाबी लेकर मारे मारे फिर रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से और शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है।
दोनों नई संभावना तलाश रहे हैं लेकिन लगता नहीं कि उनकी दाल गलेगी।