नई दिल्ली। PM मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 82वें एपिसोड में 100 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करने वाले कोविड टीकाकरण अभियान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर रविवार को कहा, ‘भारत हमारे ग्रह को एक बेहतर जगह बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।’
उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा विश्व शांति के लिए काम किया है। यह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में हमारे योगदान के रूप में देखा जाता है। भारत योग और स्वास्थ्य के पारंपरिक तरीकों को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए भी काम कर रहा है।” उन्होंने कहा कि एक चीज जो लोगों की कल्पना को आकर्षित कर रही है, वह है भारत में ड्रोन का इस्तेमाल। यंगस्टर्स और स्टार्टअप्स की दुनिया में इस विषय में काफी दिलचस्पी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग करने पर काम कर रहा है, जिसमें घरों में सामान की डिलीवरी और आपात स्थिति के दौरान सहायता और कानून व्यवस्था की निगरानी शामिल है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसी सभी जरूरतों के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे।
PM मोदी ने कहा कि ड्रोन सेक्टर बहुत सारे प्रतिबंधों और नियमों से भरा हुआ है। यह हाल के दिनों में बदल गया है। नई ड्रोन नीति इस नीति के लागू होने के बाद कई विदेशी और घरेलू स्टार्टअप ने ड्रोन स्टार्टअप्स में निवेश किया है। सेना, नौसेना और वायु सेना ने ड्रोन के लिए भारतीय कंपनियों को 500 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर दिया है।
पीएम ने स्वास्थ्य कर्मियों की भी सराहना की और उत्तराखंड के बागेश्वर की स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूनम नौटियाल से बात की। उन्होंने कहा, “हमारे टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता भारत की क्षमता को दशार्ती है।”
पीएम मोदी ने ‘वोकल फार लोकल’ पर जोर देते हुए कहा की आप लोकल खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी। इतने त्योहार एक साथ होते हैं तो उनकी तैयारियां भी काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। आप सब भी अभी से खरीदारी का प्लान करने लगे होंगे, लेकिन आपको याद है, खरीदारी मतलब ‘वोकल फार लोकल’।
PM मोदी ने कहा अगले महीने, 15 नवम्बर को हमारे देश के महापुरुष, वीर योद्धा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म-जयंती आने वाली है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों की प्रति गर्व करना सिखाया। आप कल्पना करिए, जब आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली बनेगी, लोग अपने द्वार पर, दीवार पर, किसी आजादी के मतवाले का चित्र बनाएंगे, आजादी की किसी घटना को रंगों से दिखाएंगे, तो, अमृत महोत्सव का भी रंग और बढ़ जाएगा।