बकौल इमरान खान हांगकांग चीन का आंतरिक मामला है। चीन की चमचागिरी करने के लिए वह भले ही शी जिनपिंग के तलवे चाट ले, लेकिन कश्मीर जो भारत का आंतरिक मामला है उसमें वह दुनिया की किसी भी ताकत से दखलंदाजी नहीं करा सकता। न ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना सकता है। अब तो वह पीओके को भूल जाए। देर सबेर वह भी भारत के कब्जे में आकर बीओके (भारत अधिकृत कश्मीर) बन जाएगा। साथ में ब्याज के रूप में सिंध और बलुचिस्तान को भी नापाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराएगा। बहुत जल्द आतंकिस्तान कई टुकड़ों में बंटकर टुकड़िस्तान बन जाएगा।