रायपुर, नवप्रदेश। राजधानी में लगातार बिल्डरों के हौसले इतने बुलंद होने लगे हैं कि वह अब सरकारी नियमों का भी पालन करने से कतरा (Impact Of Navpradesh) रहे हैं,
हालांकि इस मामले पर रेरा विभाग ने जी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पंडरी में स्थित मर्लिन जयश्री बिहार फेस टू की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है एक विभाग की इस कार्यवाही को लेकर जनता राहत महसूस कर रही है तो काम करने वाले बिल्डरों के बीच हड़कंप की स्थिति (Impact Of Navpradesh) बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा निर्धारित नीमा अनुसार समस्त बिल्डरों को हर 3 माह में अपनी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण की वेबसाइट में प्रोग्रेस रिपोर्ट अपलोड करनी होती है
ताकि रेरा विभाग को यह पता चल सके कि नीमा अनुसार बिल्डर कार्य (Impact Of Navpradesh) कर रहे हैं या नहीं परंतु पंडरी में स्थित मलिन जय श्री विहार फेस टू के निर्माण को लेकर बिल्डर द्वारा किसी भी तरह से जानकारी अपलोड नहीं की गई,
जिसको कंध वीरता से लेते हुए रेरा विभाग ने जिलाधीश को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट की खरीदी बिक्री रोक लगाने के लिए अनुग्रह किया है रेरा विभाग द्वारा चिट्ठी लिखे जाने के बाद हड़कंप की स्थिति बनी हुई है
नोटिस का भी नहीं दिया जवाब
राजधानी के बिल्डर किस तरह बेलगाम हो रहे हैं इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्रेडा विभाग द्वारा पंडरी स्थित मलिन जय श्री बिहार फेस टू के निर्माण के संदर्भ में जानकारी अपलोड न किए जाने को लेकर नोटिस जारी किया,
परंतु किसी प्रकार का जवाब ना आने से रेरा विभाग द्वारा लगातार नोटिस जारी किया गया जिसके बाद भी बिल्डर ने ना ही जानकारी अपलोड की और ना ही किसी प्रकार से नोटिस का जवाब दिया जिसके चलते रेरा विभाग द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उक्त बिल्डर की प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है तथा बिल्डर के विरुद्ध भी प्रकरण तैयार किया गया है ताकि लापरवाही बरतने वाले बिल्डरों पर नकेल कसी जा सके
बैंक भी नहीं करेंगे लोन पास
रेरा विभाग के नोटिस का जवाब ना देना बिल्डर को इस कदर भारी पड़ा कि संबंधित विभाग ने खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही समस्त बैंकों को भी मलिन जय श्री बिहार की प्रॉपर्टी पर लोन ना देने के लिए पत्र लिख दिया है जिसके बाद से ही स्थिति बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी में लगातार बिल्डरों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठने लगे हैं एक और जहां जो प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके हैं तो वही निवासरत लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं और जो प्रोजेक्ट वर्तमान समय में संचालित हैं वह शासकीय नियमों का दत्ता बना रहे हैं ऐसी स्थिति में बिल्डरों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की सतत आवश्यकता है
और जी बिल्डरों पर गिर सकती है गाज
पंडरी स्थित मार्लीन जय श्री बिहार द्वारा बरती गई लापरवाही का खामियाजा राजधानी के और भी बिल्डरों को भुगतना पड़ सकता है रेरा विभाग द्वारा अब बेहद ही गंभीरता से अन्य बिल्डरों के प्रोजेक्ट ओं की भी सूची तैयार की जा रही है जो निर्धारित मापदंड के विपरीत कार्य कर रहे हैं रेरा विभाग की इस कार्यवाही को लेकर राजधानी के प्रत्येक चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है
राजधानी में सुविधा के नाम पर लाखों रुपए के मकान बेचने वाले बिल्डरों की लापरवाही को लेकर नवप्रदेश लगातार अपने पाठकों की जानकारी पर समाचार प्रकाशित करता आ रहा है जिसके चलते शासन प्रशासन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए बेलगाम बिल्डरों पर नकेल कसने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है जिसके बाद से नो प्रदेश के पाठक जहां राहत महसूस कर रहे हैं तो वही बिल्डरों के बीच हड़कंप की स्थिति बनी हुई है
राजनीतिक दबाव की चर्चा जोरों पर
रेरा विभाग द्वारा बिल्डर पर कार्यवाही किए जाने के बाद राजनीतिक दबाव की चर्चा की जोरों पर बनी हुई है तो वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुखिया ने स्पष्ट तौर पर नियम विपरीत कार्य करने वालों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं इसके बाद से ही कुछ छूट भैया नेता चुप्पी साध चुके हैं जो लगातार इस मामले को लेकर रोटी सेकने में लगे हुए थे