छुईखदान, नवप्रदेश। शहीदों की नगरी छुईखदान में फिल्टर युक्त पीने योग्य पानी तो आसानी से नहीं मिल पा रहा है, परंतु अवैध शराब हर गली कोने में अवश्य मिल (Illicit Liquor) जाता है। जिसके कारण अवैध शराब कारोबारियों की वजह से सैकड़ों परिवार बर्बाद हो चुके हैं। मदिरा प्रेमियों की संख्या बढ गई है। शिकायत किए जाने के बावजूद ना ही आबकारी विभाग कोई कार्यवाही करता है और ना ही पुलिसिया कार्यवाही होती हैं, जिसके चलते अवैध शराब का विक्रय करने वालों के हौसले तो बुलंद हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर अल्प समय में धनवान बनने की होड़ मची हुई हैं। वार्ड वासियों द्वारा शिकायत किए जाने पर मारपीट और गुंडागर्दी तक करते हैं। ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता भी अब शिकायत (Illicit Liquor) करने में डरने लगे हैं। खुलेआम शहर के अधिकांश वार्ड जिसमे वार्ड नंबर 1,,3,,4,,9,,10,,13,,14,,15 में शराब की अवैध बिक्री हो रही है। स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई है कि कुछ मजदूर तो सुबह से ही कोचियों के ठिकानों पर पहुंचकर अपनी गाढ़ी कमाई को नशे में झोंक रहे हैं। इसके बावजूद कोचियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। शहीद नगरी क्षेत्र में नशे का कारोबार इस कदर धड़ल्ले से फल-फूल (Illicit Liquor) रहा है, इस बात का अंदाजा जगह-जगह सड़क पर डिस्पोजल, गिलास तथा शराब की खाली बोतलों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। सूर्योदय के साथ ही जहां कोचिए सक्रिय हो जाते हैं। वहीं, शाम को आसपास के कुछ इलाकों में स्थिति इतनी विस्फोटक हो जाती है कि संभ्रांत परिवार के लोग आने-जाने से कतराने लगते हैं। इसके चलते यहां के स्थानीय निवासियों के बीच आक्रोश की स्थिति बनती चली जा रही है।
युवा भी हो रहे शिकार
इस पूरे मामले में बेहद गंभीर विषय यह है कि जगह-जगह बिकने वाली शराब पर किसी तरह की कार्यवाही नही होने के कारण बच्चों के साथ-साथ युवा भी नशे के आदी होते जा रहे हैं। इसके चलते कई स्वजन भी हलकान होने लगे हैं। कुछ स्वजनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बच्चे तो इस कदर नशे के आदी हो गए हैं कि उन्हें डाक्टर से परामर्श लेना पड़ रहा है, ताकि किसी भी कीमत पर उनके बच्चे शराब की लत से मुक्ति पा सकें,
परंतु इस मामले को लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी भी उन्हें संदिग्धता के कठघरे में लाकर खड़ा कर रही है कि आखिर क्या वजह है इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर के पास सुनसान इलाके तथा संकरे रास्ते रात के अंधेरे में मदिरा प्रेमियों के खास अड्डा बनता जा रहा है। मदिरा प्रेमी इन संकरी गलियों में खुलेआम बैठकर शराब पीते आसानी से देखे जा सकते हैं।
सब्जी मार्केट, पेट्रोल पंप के पास , बिजली ऑफिस, टिकरीपारा चौक ,,कनकनगर केंवट पारा बिजली ऑफिस के सामने सहित नगर के विभिन्न वार्डो स्थलों में अवैध शराब की बिक्री तेजी से की जा रही है। नगर के सुनसान क्षेत्रों में अथवाव्यवसायिक कॉन्प्लेक्स में और तो और शासकीय अशासकीय कार्यालयों में भी अवैध शराब का सेवन किये जाने की शिकायत मिली है।
ग्रामीण इलाकों में भी शराब ने जमाई पैठ
बता दें कि ग्रामीण इलाकों में शराब ने इस कदर अपनी पैठ जमा ली है कि इसकी चपेट में युवा, और नाबालिग बच्चे भी आ रहे है. वहीं गांव में चल रहे अवैध शराब की बिक्री की वजह से इन्हें आसानी से शराब उपलब्ध हो जाता है।
ऐसे में पुलिस और आबकारी विभाग को इन पर शख्त कार्रवाई करने की आवश्कता है लेकिन ग्रामीण छेयर जिसमे खुदमुडी लनझियाटोला उदयपुर पिरचा बिरुटोला बघमरा खपरी दरबार सिलपट्टी पद्मवतीपुर कोड़का यह वो ग्राम है जहां पर सप्लायरो के द्वारा उनके ठिकाने पर शराब भट्टी से शराब पहुचाने की शिकायत है ?
घरों में बनती है अवैध शराब :
ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का गोरखधंधा जोरों पर है, जगह-जगह ग्रामीणों को शराब बनाते हुए भी देखा जा सकता है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में महुए की शराब बेहद प्रचलित भी है, और आसानी से मिलने वाली चीज भी, जिससे इसे शराब बनाने में सबसे उपयुक्त समझा जाता है।वैसे ग्रामीण छेत्र में मिलने वाली शराब सरकारी शराब ही होता है जिसे शराब भट्टी के मिलीभगत से विक्रय किया जाता है।
यह छेत्र अभी नशा को लेकर चरम स्तर पर पहुंच गया है ,जिसके कारण पूरा छेत्र मदहोश नजर आ रहा है ऐसा माना जाता है कि छेत्र में मिलने वाली शराब के सप्लायरों का एक ग्रुप भी है जो पूरे छेत्र में सप्लाई करते है ,,कई गांवों में अवैध शराब निर्माण तो बेखौफ खुलेआम तौर पर किया जा रहा है। जबकि इन गांवों के संबंधित थानों में पुलिसिया तंत्र के पास इन सारे गोरखधंधों की जानकारी पहले से मौजूद रहती है, परंतु फिर भी इस अवैध गोरखधंधे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।