जीवन एस. साहू/गरियाबंद/नवप्रदेश। Illegal Plotting : जिला मुख्यालय के नगर पालिका कृषि भूमि के अवैध प्लाटिंग को लेकर सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस एलान के बाद कि अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। इसी के परिपेक्ष्य में जमीन के अवैध प्लाटिंग के मामले में नगर पालिका प्रधासन ने 12 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है, इसके बाद से हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी टामसन रात्रे ने अवैध कालोनी विकसित करने के मामले में नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर अवैध प्लाटिंग करने वालों से जवाब मांगा है।
तीन दिन में जवाब नहीं देने पर कार्रवाई
नोटिस में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद क्षेत्र के भूमि ((Illegal Plotting)) में आपके द्वारा अवैध प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है, जो कि छत्तीसगढ़ अधिनियम कॉलोनाइजर रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तों का उल्लंघन है। निकाय क्षेत्र अंतर्गत आवासीय प्लाटिंग अथवा कालोनी विकास के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से योजना का अनुमोदन एवं स्थानीय निकाय की स्वीकृति आवश्यक है परंतु नियमों का बिना पालन किए अवैध प्लाटिंग करने से निकाय को भारी राजस्व की क्षति हो रही है। अवैध प्लाटिंग तत्काल बंद कर तीन दिनों के भीतर उपस्थित होकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें अन्यथा आपके विरुद्ध शर्तों के उल्लंघन की कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।
इन्हें जारी किया नोटिस
इस अवैध प्लाटिंग के मामले पर नगर पालिका से मिली जानकारी के मुताबिक अनीस मेमन, जावेद मेमन, शाबिया बानो, जावेद मेमन पिता अब्दुल मजीद, जितेंद्र कुमार यादव, पवन कुमार, विजय कुमार, मोहन चावड़ा, बालकृष्ण, दानेश्वर, बलराम साहू, हेमसिंग, रेखा ठाकुर इत्यादि को नोटिस जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग कई वर्षों से किए जा रहा है, लेकिन कार्यवाही अब तक नहीं की गई है। अवैध प्लाटिंग तो यहां धंधे की शक्ल ले चुका है। कृषि भूमि कई टुकड़ों में बिक गई है। बिना डायवर्सन के निर्माण यहां आम बात हो गई है। इस व्यवसाय से जुड़े कई लोग बाहर से आकर यहां बस गए हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि स्थानीय प्रशासन कार्यवाही के बदले इन्हें खुलकर सहयोग दे रहे हैं। अवैध प्लाटिंग से जुड़े लोगों का प्रशासन से खौफ नहीं है, क्योंकि अधिकारी भी संरक्षण दे रहे हैं।
इस नगर पालिका में तो गरीब मजदूरों के लिए कानून का डंडा चलता है। पिछले दिनों ठेले-खोमचे वालों को हटा दिया गया, जिससे कि इनकी रोजी-रोटी बंद हो गई है। वहीं इसमें भी कुछ चेहते लोगों को ठेला लगाने की अनुमति पालिका प्रशासन ने दी हुई है। भाई-भतीजावाद का बोलबाला नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों के बीच है।
नियम तो सबके लिए बराबर होना चाहिए। गौर करने वाली बात यह है कि अवैध प्लाटिंग में करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी व्यवसाय नियम विरुद्ध हो गए हैं। इसके बाद भी अब जाकर नगर पालिका प्रशासन ने नोटिस जारी करने की हिम्मत दिखाई है, जिसमें कार्यवाही होना शेष है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि अवैध प्लाटिंग के व्यवसाय करने वालों का साथ नगर पालिका के पदाधिकारी भी दे रहे हैं, ऐसा स्पष्ट प्रतीत हो रहा है।
अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने अफसरों को फुर्सत नहीं
जिले मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग के कारोबार (Illegal Plotting) पर अंकुश लगाने को लेकर राजस्व विभाग के बड़े अफसरों को फुर्सत ही नहीं है, जबकि नियम विरुद्ध अनेक कालोनियां तैयार हो गई है। बड़े अफसरों ने तो इन क्षेत्रों का मुआयना तक नहीं किया है। अवैध प्लाटिंग क्षेत्र में अगर अफसरों के भ्रमण हो जाये तो अनेक तथ्य उजागर होंगे। अब तक तो अवैध प्लाटिंग करने वालों के नाम ही चिन्हित किए गए हैं।
इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जो नाम सामने आए हैं, उनके द्वारा कितनी जमीन बेची गई है और किसे बेची गई है। नियम विरुद्ध रजिस्ट्री कैसे हो गई ? जब तक ऊपर से लेकर नीचे तक संरक्षण नहीं मिलेगा, इस तरह की कालोनी बस नहीं सकती।