IIT Kharagpur Suicide Prevention : देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी खड़गपुर ने एक चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील पहल की है। हाल ही में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच संस्थान ने अपने हॉस्टल कमरों में छत से लटकने वाले पंखों की संख्या कम करने का निर्णय लिया है। उनकी जगह ऐसे फैन सिस्टम लगाए जाएंगे जिन्हें आत्महत्या के माध्यम के रूप में उपयोग न किया जा सके।
आईआईटी निदेशक ने कहा – यह कोई पूर्ण समाधान नहीं, लेकिन ज़िंदगी बचा सकता है
संस्थान के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य एक जटिल मुद्दा है और इसका समाधान केवल उपकरणों से नहीं हो सकता। लेकिन अगर हम किसी नाजुक पल में किसी की ज़िंदगी बचा सकें, तो यह क़दम सार्थक होगा।”
इसके साथ ही IIT ने एक नई पहल “कैंपस मदर” भी शुरू की है, जिसके तहत महिला फैकल्टी(IIT Kharagpur Suicide Prevention) व महिला कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान छात्रों को भावनात्मक सहयोग देंगी। इसके अलावा:
24×7 मनोवैज्ञानिक सहायता व्यवस्था
स्थानीय स्तर पर एक मनोचिकित्सक की तैनाती
मानवता आधारित काउंसलिंग नेटवर्क का विस्तार
चार मौतों के बाद लिया गया फैसला
बताया जा रहा है कि संस्थान के 21 हॉस्टलों में लगभग 16,000 छात्र रहते हैं। लेकिन इस वर्ष की शुरुआत से अब तक, हॉस्टल परिसरों में चार छात्रों की मौत संदिग्ध परिस्थितियों(IIT Kharagpur Suicide Prevention) में हो चुकी है। सभी मामलों को आत्महत्या की आशंका के तौर पर देखा जा रहा है।
कुछ प्रमुख घटनाएं:
12 जनवरी: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र का शव फांसी पर लटका मिला।
20 अप्रैल: ओशन इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र की आत्महत्या।
4 मई: तृतीय वर्ष के एक अन्य छात्र की हॉस्टल रूम में रहस्यमयी मौत।
हाल ही में बीटेक फाइनल ईयर के छात्र का शव फंदे से लटकता मिला।
इन मौतों ने IIT समुदाय और देशभर के अभिभावकों के बीच गहरी चिंता पैदा की है।
मानसिक स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय बहस की ज़रूरत
IIT खड़गपुर द्वारा उठाया गया यह कदम उस बड़ी राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन सकता है, जो शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य, अकेलापन, प्रतिस्पर्धा का दबाव, और समर्थन तंत्र की कमी को लेकर लंबे समय से उठ रही है।