डॉ. ओ.पी. त्रिपाठी। Identity of UP : पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ। विपक्ष भले ही अपनी राजनीति चमकाने के लिये सरकार की निंदा और आलोचना करे, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इन वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों को असरदार बनाया है।
साढ़े चार साल पहले जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, उस समय प्रदेश का खजाना खाली था। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहाल थी। विकास कार्य लगभग बंद हो चुके थे। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है योगी आदित्य नाथ को एक बदहाल, पिछड़े और बीमारू राज्य की कमान मिली थी। लेकिन अपने कौशल, रीति-नीति, सूझ-बूझ, जनसेवा, समर्पण और दिन रात काम करने की शैली के चलते आज उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शुमार है।
इसका श्रेय केवल योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व को ही जाता है। योगी सरकार की जिस बात के लिये देश ही नहीं विदेश में भी चर्चा हो रही है, वो है कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोग। कोरोना का संक्रमण जब शुरू हुआ तब उत्तर प्रदेश में सेनेटाइजर नहीं था। पीपीई किट नहीं थी। मास्क नहीं था। तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी को भी नियंत्रित करना था। अन्य राज्यों से आये 40 लाख प्रवासी कामगारों को भी रोजगार देने की चुनौती थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को गति प्रदान की। कोरना काल खंड में ही एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से सबसे अधिक रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश, देश के शीर्ष पांच राज्यों में स्थान बना चुका है।
बीते 15 सिंतबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ एक कार्यक्रम में आये। प्रधानमंत्री ने सीएम योगी की जमकर तारीफ की।
उनकी कोरोना नीति से तो वे खासा प्रभावित नजर आए। वास्तव में, योगी के यूपी मॉडल की चर्चा चारों ओर है। कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार की नीतियों को बॉम्बे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, डब्ल्यूएचओ ने भी सराहा है। योगी सरकार ने ट्रिपल-टी नीति के चलते कम समय में केसों पर लगाम लगाई है।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मेडिकल किट वितरण, सैनिटाइजेशन, टेस्टिंग, टीकाकरण के साथ ही चिकित्सीय सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है। सर्वाधिक टेस्टिंग और टीकाकरण कर यूपी ने दूसरे देशों और प्रदेशों के के समक्ष नजीर पेश की है।कोविड प्रबंधन के मामले में यूपी मॉडल की बात हर जगह हो रही है। देश में तो चर्चा है ही, विदेश में भी इस मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है।
अब ऑस्ट्रेलियाई सांसद एवं मंत्री जेसन वुड ने राज्य में कोविड -19 के प्रकोप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। उन्होंने यूपी सरकार के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा कि हम उत्तर प्रदेश के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। संस्कृति और विकास के संवर्धन के लिए हम लोग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ काम करेंगे। कोविड 19 प्रबंधन के लिए योगी के यूपी मॉडल से से प्रेरित होकर उन्होंने आगे लिखा कि सीएम योगी को धन्यवाद।
यूपी सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर लोकभवन में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा के साढ़े चार साल के शासन के बाद अब सुशासन और विकास उत्तर प्रदेश की पहचान (Identity of UP) है। प्रदेश में साढ़े चार लाख युवाओं को नौकरी दी गई है। सरकार के किए गए सुधार व विकास कार्यों का ही यह असर है कि आज प्रदेश निवेश के लिए पहले स्थान पर हैं। पहले उद्योगपति यहां आने से डरते थे पर अब वह यहां पर निवेश करना चाहते हैं।
केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं में से 44 योजनाओं में प्रदेश पहले स्थान पर है। एक करोड़ 56 लाख लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए। तीन करोड़ श्रमिकों को दो लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी गई। प्रदेश के छह करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला। प्रदेश के 40 लाख गरीबों को राशन कार्ड दिया गया। किसानों के लिए कई सिंचाई योजनाओं को आगे बढ़ाया। बंद चीनी मिलों को शुरू किया गया। गन्ना किसानों को सही भुगतान किया गया।
प्रदेश के एक लाख 43 हजार किसानों को गन्ने का भुगतान किया गया। प्रदेश में पहला इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया। जिससे लोगों की सोच प्रदेश के बारे में बदली। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। जमीनी सच्चाई है कि योगी सरकार से पहले की सरकारों के मुख्यमंत्री अयोध्या नहीं जाते थे। डरते थे कि उन पर सांप्रदायिकता का लेवल लग जाएगा पर अब हर वर्ष वहां भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
मथुरा में होली मनाई जाती है। इस सरकार में प्रदेश की विरासत को दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया गया। लोगों को रोजगार देने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की योजना पर काम किया जा रहा है। यूपी में अब कानून का राज है। प्रदेश में पिछले साढ़े चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने वालों के खिलाफ अध्यादेश लागू कर उनकी संपत्तियों को कुर्क कर नुकसान की भरपाई की गई। पहले के समय में दंगों में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता था। लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आम बात हो चुकी थी मगर उत्तर प्रदेश में अध्यादेश लाकर इस पर नियंत्रण किया गया। राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लखनऊ, नोएडा, कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया। माफियाओं की अवैध संपति संपत्ति जब्त की गई।
प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश की लाखों महिलाओं को अब तक जागरूक किया जा चुका है। ग्रामीण इलाकों की महिलाओं व बेटियों को हक की बात, शक्ति संवाद, स्किल व मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के जरिए उनमें आत्मवविश्वा स जगाने और आत्मेनिर्भर बनाने का कार्य भी किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं व बेटियों को सरकरी योजनाओं के तहत जागरूक किया जा चुका है। विभाग की ओर से निराश्रित महिलाओं को विधवा पेंशन और बेटियों को कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित किया गया है। यूपी में अलग-अलग सेक्टरों के लिए निवेश फ्रेंडली नीतियां बनाई गईं। यही वजह है कि आज यूपी में देश और विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी यूनिट स्थापित कर रही हैं।
बीते सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Identity of UP) ने मथुरा के कोसीकलां में 814 करोड़ की लागत से पेप्सिको इंडिया की ओर से लगाए गए फूड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया। यह देश में पेप्सिको का सबसे बड़ा निवेश है। इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही पांच हजार से अधिक किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।