बच्चे हों या बड़े आइसक्रीम हर किसी को पसंद होती है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में आइसक्रीम के ढेर सारे फ्लेवर्स आपके गले को राहत के साथ आपकी टेस्ट बड्स को भी सुकून देते हैं। जानते हैं आइसक्रीम के फायदे और नुकसान…
जानें आइसक्रीम के बारे में न्यूट्रिशनिस्ट की राय
जहां कई लोग बिना परहेज हर मौसम में आइसक्रीम का मजा लेते हैं वहीं कुछ लोगों को आपने यह भी कहते सुना होगा कि आइसक्रीम से उन्हें जुकाम हो गया या गला खराब हो गया। तो क्या वाकई आइसक्रीम खाने से जुकाम हो जाता है? जानें, क्या कहना है क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर नूपुर जे कृष्णन का…
नहीं होता आइसक्रीम से जुकाम
अगर न्यूट्रिशनिस्ट की मानें तो आइसक्रीम से जुकाम होता है, ऐसा सोचना गलत है। यह इंसान के मेटाबॉलिजम पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को कुछ फूड्स से इन्टॉलरेंस या ऐलर्जी हो सकती है। यही बात दही पर भी लागू होती है। ऐलर्जी का इलाज तो किया जा सकता है लेकिन इन्टॉलरेंस का कनेक्शन डाइजेशन से होता है इसलिए इसे कुछ हद तक ही ठीक किया जा सकता है। वहीं जुकाम वायरस की वजह से होता है, हालांकि अगर आपकी बॉडी में जुकाम के वायरस पहले से पहुंच चुके हैं तो आइसक्रीम से सिचुएशन थोड़ी बिगड़ सकती है।।
आइसक्रीम और माइक्रोबैक्टीरिया
आपको आइसक्रीम से जुकाम होगा या नहीं यह इंसान की लाइफस्टाइल और दूसरे पैरामीटर्स पर निर्भर करता है। हालांकि आइसक्रीम डेयरी प्रॉडक्ट है इसलिए इनमें माइक्रोबैक्टीरिया का खतरा रहता है लेकिन सीमित मात्रा में इसे खाने से नुकसान नहीं होता।
बच्चों को दे सकते हैं आइसक्रीम
वहीं अगर आइसक्रीम के फायदों की बात करें तो न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, आइसक्रीम में कैलरी और फैट कॉन्टेंट काफी मात्रा में होता है इसलिए यह उन बच्चों के लिए अच्छी है जिनमें पोषण की कमी है। इसके साथ ही फीडिंग कराने वाली और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी आइसक्रीम काफी अच्छी है। आइसक्रीम में फ्रूट्स और नट्स इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू को बढ़ाते हैं।