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IAS इस मुस्लिम अफसर ने लिखी ब्राह्मणों पर किताब…बनीं सुर्खियां…देखें क्या लिखा

This Muslim IAS officer wrote a book on Brahmins... became headlines of discussion... see what he wrote

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भोपाल/नवप्रदेश। IAS : मध्य प्रदेश के आइएएस अधिकारी नियाज खान एक पुस्तक लिख रहे हैं जिसका शीर्षक है ‘द ग्रेट ब्राम्हण’। ये किताब अगले महीने यानि मार्च में पल्बिश की जाएगी।

इस किताब में नियाज (IAS) ने ब्राम्हणों को लेकर कई धारणाएं दी है। उनकी इस किताब में ब्राम्हण के दिमाग को काफी तेज और सुपर ब्रेन बताया गया है। यहीं, नहीं उन्होंने सलाह देते हुए अपनी किताब में बताया है कि अगर ब्राम्हण को हर फील्ड में नेतृत्व दिया जाए या सलाहकार बनाया जाए तो देश कई मायनों में बदल सकता हैं।

चाणक्य से काफी प्रेरित हैं नियाज खान

नियाज खान ने जागरण के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया से बातचीत की। इसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने चाणक्य के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है और यहीं कारण है कि वह उनसे बहुत ज्यादा प्रेरित रहे हैं। उन्होंने बताया कि चाणक्य का बुद्धिमत्ता का स्तर बहुत ज्यादा था। नियाज ने न केवल चाणक्य बल्कि सुदामा के बारे में भी पढ़ा है और यहीं कारण है कि वे ब्राम्हणों को श्रेष्ठ बताते है।

नियाज खान ने बताया कि उन्हें किताब लिखने का विचार चाणक्य और सुदामा को पढ़ने के बाद आया। उन्होंने ठान लिया था कि वे ब्राम्हणों पर कोई न कोई किताब जरूपर लिखेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों में देश ने कई बदलाव होते देखें लेकिन ब्राम्हणों की अपनी संस्कृति और सत्ता में कोई भी परिवर्तन देखने को नहीं मिला।

‘भारतीय संस्कृति की रक्षा केवल ब्राम्हणों के हाथ में’

ब्राम्हणों की प्रशंसा करते हुए नियाज ने कहा कि तीन हजार वर्ष बाद भी उनके वेदों में विकास होते रहे और महत्व भी कम नहीं हुआ। संस्कृतियां काफी तेजी से बदल रही है और केवल ब्राम्हण हैं जो भारतीय संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं। नियाज ने बताया कि उनकी इस किताब में केवल ब्राम्हणों के पूजा-पाठ ही नहीं बल्कि उनका इतिहास में क्या अहम भूमिका रही ये भी रहेगा।

चर्चा में रहे है नियाज खान

बता दें कि नियाज खान (IAS) तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की हत्या दिखाने के लिए भी एक कश्मीर फाइल्स की तरह एक फिल्म बननी चाहिए। उनके इस बयान के बाद से वे काफी सुर्खियों में आ गए थे। उनपर कई नेताओं द्वारा कार्रवाई करने की मांग की गई। बता दें कि नियाज ने इससे पहले सात नोवेल लिखा हैं। उनकी ‘द ग्रेट ब्राम्हण’ किताब एक फिक्शन है।

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