मेरठ । family counseling center: पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि वह सीधे परिवार परामर्श केंद्र चला गया। पहले तो पीडि़ता की पत्नी ने दहेज के लिए प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस द्वारा काउंसलिंग शुरू करने के बाद विवाद का एक और कारण सामने आया। दरअसल ये विवाद पोर्न फिल्में देखने से उपजा है। इसके बाद अब पति-पत्नी के बीच यह समझौता हो गया है कि बेडरूम में मोबाइल पर बैन रहेगा।
जुलाई 2020 में हुई थी शादी –
यह मामला दौराला इलाके की 25 वर्षीय महिला की शादी जुलाई 2020 में मेरठ के इंचोली इलाके के एक युवक से हुई थी। नवविवाहिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि उन्होंने ससुराल वालों से दहेज की मांग की थी। इतना ही नहीं बल्कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है और शारीरिक रूप से प्रताडि़त करता है।
इसके बाद एसपी क्राइम ने मामले को फैमिली काउंसलिंग सेंटर (family counseling center) रेफर कर दिया। परामर्श केंद्र की सीओ रूपाली राय व पीपीके प्रभारी मोनिका जिंदल व अन्य काउंसलरों ने विभिन्न आरोपों पर दंपत्ति से परामर्श लिया। इसमें पता चला कि मामला दहेज से जुड़ा नहीं है।
काउंसलिंग के दौरान संबंधित महिला ने बताया कि शादी के बाद पति बेडरूम में मोबाइल पर अश्लील फिल्में देखता था। इतना ही नहीं वह अश्लील फिल्में देखकर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त भी करता था। इसका विरोध करने पर महिला को प्रताडि़त भी किया गया। वहीं पीडि़ता ने कहा था कि अगर उसका पति पोर्न फिल्मों की आदत छोड़ दे तो मै उसके साथ रह सकती हूं।
पति ने मानी शर्त –
पत्नी ने शर्त रखी है कि पति को बेडरूम में मोबाइल नहीं दिखेगा और घर में उसके सामने मोबाइल पर ही बात करनी होगी। इसके बाद पति ने पत्नी की शर्त मान ली है। साथ ही पति ने कहा है कि वह अब अपने मोबाइल फोन पर अश्लील फिल्में नहीं देखेगा और अपनी पत्नी पर दबाव नहीं बनाएगा। इस संबंध में उन्होंने पुलिस को लिखित बयान भी दिया है।