वहां विषयवार शिक्षकों की बड़ी कमी है, इसे दूर करने के लिए भूटान सरकार ने भारत की बेहतर शिक्षा प्रणाली को देखते हुए योजना बनाई है
थिम्पू(भूटान)। Big employment opportunity for the youth of Bhutan, Thimphu, education: यह खुशी का अवसर है कि भूटान सरकार ने अपने देश में भारत के युवाओं के लिए शिक्षा क्षेत्र में रोजगार का मार्ग खोला है। एसटीईएम शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जुलाई में भारत से लगभग 100 शिक्षकों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। एसटीईएम संवर्ग में वे शिक्षक शामिल किए जाते हैं जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयों में श्रेष्ठता साबित करते हैं और वहीं बच्चों को पढ़ाते हैं।
हमारा देश भारत विश्व गुरु रहा है। आज भी इसी रूप में दुनिया देखती है। इतिहास बताता है यहां के हजारों साल पुराने धर्म, परंपरा, संस्कृति, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, अध्यात्म ने दुनिया को अपनी ओर खींचकर शोध के लिए मजबूर किया है। जब भारत में कुछ नया होता है तो दुनिया फालो करती है। ऋषि-मुनियों के देश भारत में दुनिया ज्ञान अर्जन के लिए आदिकाल से आते रहे हैं, इसीलिए आज भी भारत के गुरुजनों का अपना अलग स्थान है। इसका उदाहण सामने है।
विषयवार शिक्षकों की जरूरत
भूटान के शिक्षा और कौशल विकास मंत्री यीज़ांग डी थापा के हवाले से कुएन्सेल न्यूज पेपर ने अपनी रिपोर्ट में बताया। (Big employment opportunity for the youth of Bhutan, Thimphu, education) रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जुलाई में 35 गणित शिक्षकों, 18 भौतिकी, 19 रसायन विज्ञान शिक्षकों और 28 आईसीटी प्रवासी शिक्षकों को नियुक्त करेगी। इन शिक्षकों की वहां कमी है, उस डिमांड को पूरा करने के लिए भारत के माध्यम से कमी को दूर किया जाएगा।
135 एसटीइएम शिक्षकों की कमी
माजानकारी दी गई है कि पिछली बार नियुक्त शिक्षक किसी न किसी कारण से जॉब छोड़ दिए। इससे भरी सीटें फिर से खाली हो गई। अभी की स्थिति में जून तक भूटानी स्कूलों में 135 एसटीइएम शिक्षकों की कमी है, जिनमें गणित में 46, आईसीटी में 38, भौतिकी में 22 और रसायन विज्ञान में 29 शामिल हैं।
पिछली बार 646 अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति की
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 1263 शिक्षकों की कमी थी। (Big employment opportunity for the youth of Bhutan, Thimphu, education) गत जनवरी में कुल 187 शिक्षा शास्त्र (बीएड) शिक्षकों की भर्ती की गई। इसके बाद मार्च से जून तक 646 अनुबंध शिक्षकों को नियुक्त किया गया, जिससे शिक्षकों की कमी 430 हो गयी। वहीं हाल ही में 247 शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे शिक्षकों की कमी फिर से बढ़कर 677 हो गयी।