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जोधपुर से 900 किमी दूर अटारी से 48 घंटे में यात्रा कैसे करें? मेरे पास भारतीय पासपोर्ट..

How to travel from Jodhpur to Attari, 900 km away, in 48 hours? I have an Indian passport..

India vs Pakistan War 2025

-पाकिस्तान में कैद महिलाओं को भारत वापस भेजा गया

नई दिल्ली। India vs Pakistan War 2025: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानियों को देश छोडऩे के लिए 48 घंटे का समय दिया है। जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को 48 घंटे की समयसीमा दी है। हालाँकि मुख्य समस्या वॉशर के साथ रही है। कई लोग जिनके ससुराल भारत में और माताएं पाकिस्तान में थीं, या जिनके ससुराल पाकिस्तान में और माताएं भारत में थीं, वे अपनी-अपनी माताओं के घर आए थे। उन्हें अपना सारा सामान पैक करके अपने बच्चों को लेकर वाघा या अटारी सीमा पर पहुंचना पड़ता है।

अटारी जोधपुर से 900 किमी दूर

इसका खामियाजा जोधपुर की महिला को भुगतना पड़ रहा है, जिसे कराची भेजा गया। हमें 48 घंटे के भीतर वहां से चले जाने को कहा गया है। यह कैसे संभव है? अटारी जोधपुर (India vs Pakistan War 2025) से 900 किमी दूर है। हमें बसें नहीं मिलतीं। मेरे पति ने टिकटों पर एक लाख रुपये गंवा दिये हैं। मुझे 27 तारीख को निकलना था। हालाँकि इस हमले के कारण मुझे अब जाना होगा। मेरा पासपोर्ट भारतीय है, लेकिन मैं आधा पाकिस्तानी हूं। महिला ने कहा कि अल्लाह आतंकियों को सजा देगा, लेकिन इसमें हमारा क्या कसूर है? वह दोनों सरकारों से अनुरोध कर रही हैं कि वे हमारे जैसे उन लोगों के लिए भी विकल्प खुला रखें जो पहले से ही विवाहित हैं।

मेरे पास भारतीय पासपोर्ट

दिल्ली स्थित अपने घर लौटी एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाई है। सादिया अल्वी एक भारतीय हैं, जिनका विवाह कराची के एक व्यक्ति से हुआ है। सादिया कहती हैं, मेरे पास भारतीय पासपोर्ट है, उसका वीजा खत्म हो चुका है। तो मेरे पांच साल के बेटे के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है। उन्होंने पूछा है, मैं पाकिस्तान नहीं जा सकती, मैं अपने बच्चे को अकेले कैसे भेज सकती हूं? मैं पाकिस्तानी दूतावास गया, लेकिन वह बंद था। सादिया कह रही है कि सरकार इस पर विचार करे और मुझे वीजा दे ताकि मैं अपने बच्चे के साथ अपने पति के घर जा सकूं।

पाकिस्तान गयी महिलाओं के साथ भी ऐसा ही हुआ है। वे वहां से भारत आने के लिए निकले, लेकिन वाघा सीमा बंद होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। इस निर्णय से सिंध प्रांत के हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। एक 15 वर्षीय लड़की वहां अपनी 10वीं की परीक्षा देने गई थी और वह भी अब वहीं फंस गई है। उनका परिवार धार्मिक उत्पीडऩ से तंग आकर आठ महीने पहले भारत आया था।

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