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विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित, सिंहदेव मामले में विपक्ष ने की सरकार की घोर निंदा,CM ने ली कैबिनेट की बैठक….

House proceedings adjourned amidst uproar by opposition, in Singhdeo case, opposition strongly condemned the government, CM took cabinet meeting....

TS Singhdeo

रायपुर/नवप्रदेश। TS Singhdeo : विधानसभा के दूसरे दिन टीएस सिंहदेव औैर बृहस्पत सिंह का मुद्दा इतना गरमाया कि आसंदी को सदन अगले दिन तक के लिए स्थगित करना पड़ा। यानी अब सदन बुधवार को शुरू होगा।

दरअसल, प्रश्नकाल के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के जवाब के बीच अचानक से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव उठे, अध्यक्ष से अनुमति ली और सदन छोड़कर चले गए। जाते जाते सिंहदेव ने ये भी स्पष्ट किया के उनका ये फैसला अनिश्चितकाल के लिए भी हो सकता है, अगर सरकार बृहस्पति सिंह मामलें में अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पाए तो।

हालांकि इससे पहले गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब के रूप में वही घटनाक्रम दोहराया जिसे विधायक बृहस्पत सिंह के फॉलोगार्ड ने अपनी एफआर्ईआर में दर्ज कराया था। गृहमंत्री के मुताबिक किसी विधायक पर कोई हमला नहीं हुआ है बल्कि उसके फॉलोगार्ड के साथ कुछ लोगों का विवाद हुआ जिसकी रिपोर्ट पर सभी की गिरफ्तारी हो गई।

गृहमंत्री के इस जवाब के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) सदन छोड़कर चले गए। सिंहदेव सदन से बाहर निकलकर अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे इस दौरान शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने उनसे कुछ बात भी की, जिसके बाद वे गाड़ी में बैठकर विधानसभा से बाहर निकल गये। सदन में सिंहदेव ने बड़े ही भावुकता से कहा कि “जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, मैं इस पवित्र सदन में खुद को बैठने लायक नहीं समझता।”

CM ले रहे हैं बैठक

उधर विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में मंत्रियों की आपात बैठक शुरू हुई जिसमे मंत्री सिंहदेव को छोड़कर शेष सभी मंत्री शामिल हुए हैं। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। विपक्ष के सवाल के घेरे में अब भूपेश सरकार है। साथ ही अपने दल में दो खेमे का मनमुटाव जग जाहिर हो गई जिससे सरकार की काफी किरकिरी भी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल की बैठक में सिंहदेव को शामिल होने मुख्यमंत्री ने फोन किया जिसके बाद टीएस सिंहदेव दुबारा विधानसभा पहुँच मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल भी हुए।

विपक्ष के हंगामे के बाद सदन स्थगित

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) के सदन से वाक्आउट के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा और हंगामा करने लगे। सदन में विपक्ष हंगामा करते हुए व्हेल में प्रवेश कर गए जिसके बाद स्वमेव ही विपक्ष के सदस्य बर्खास्त हो गए। आसंदी के कहने के बावजूद भी जब विपक्ष शांत नहीं हुआ तब जाकर आसंदी ने बुधवार तक के लिए मानसून सत्र को स्थगित कर दिया।

कांग्रेस की अंतर्कलह अब जगजाहिर – डॉ.रमन

सदन के स्थगित होने के बाद विपक्ष के सदस्य मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव और बृहस्पत के मामले को शर्मनाक बताया और सरकार की कड़ी निंदा भी की। इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि ढाई साल आते-आते राज्य सरकार पूरी तरह से बिखर चुकी है, जो आज सदन के भीतर भी देखने को मिला है। रमन सिंह की माने तो सरकार का मंत्री (TS Singhdeo) यदि अपने सरकार पर ही अविश्वास प्रकट करता है तो इससे बड़ी बात और कुछ नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब एक मंत्री का विश्वास सरकार से उठ गया हो तो प्रदेश की 2 करोड़ 70 लाख जनता इस सरकार पर कैसे भरोसा जता सकती है। अब ऐसी स्थिति में सरकार कटघरे में खड़ी है। रमन ने कहा कि कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह है, अब जगजाहिर हो चुकी है। कांग्रेस में एक दूसरे पर विरोधाभास की चरम स्थिति दिखाई दे रही है। रमन सिंह ने सिंहदेव के द्वारा सदन में दिए गए बयान को दोहराते हुए कहा कि यह बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर सवालिया निशान लगाता है ऐसे में पूरी सरकार कटघरे में खड़ी है।

नेता प्रतिपक्ष ने मंत्रिमंडल से मांगा इस्तीफा

मंत्री सिंहदेव और बृहस्पत सिंह के मामले में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूरे हिंदुस्तान में यह पहली घटना होगी कि चलते हुए विधानसभा में सत्ता पक्ष के कद्दावर मंत्री सरकार के ऊपर अपने ही स्पष्टीकरण को लेकर सवाल उठाते हैं और इसके बाद मंत्री का आसंदी के विराजमान होने के बावजूद भी सदन से बाहर चले जाना सरकार पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि आज जो सदन में घटना दिखाई दी को केवल 1 दिन की नहीं है, बल्कि यह कई दिनों से कांग्रेस के भीतर सुगबुगाहट चल रही थी जो अब यह स्थिति स्पष्ट हो कर सामने आई है। अब ऐसी स्थिति में इस सरकार को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को इस्तीफा दे देना चाहिए।

इतिहास की पहली शर्मनाक असंसदीय घटना – बृजमोहन

इधर पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार की भर्तस्ना की। बृजमोहन ने कहा कि एक मंत्री का सरकार पर सवाल उठाना शायद यह विश्व के इतिहास में पहली बार है। ऐसे में जब एक मंत्री यह कहता है कि उनकी स्थिति जब तक उन्हीं की सरकार स्पष्ट ना करें तब तक वे सदन में मौजूद नहीं होंगे, इतना बड़ा लांछन सरकार पर लगाना घोर निंदनीय है। बृजमोहन ने कहा कि हमें इसकी भनक थी इसलिए आसंदी से हमने गुजारिश भी की थी कि सदन की कमेटी से इस मामले की जांच की जाये, लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण ही आज ये स्थिति उत्पन्न हुई है। बृजमोहन अग्रवाल ने सीधे तौर पर इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए कहा कि इस सरकार का प्रभाव और दबाव पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। ऐसे में उन्हें सरकार में बने रहना उचित ही नहीं है।

मंत्री चौबे ने सरकार का किया बचाव

ससंसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वरिष्ठ मंत्री सिंहदेव और विधायक बृहस्पत सिंह मामले में गृह मंत्री ने सदन में घटना का वृतांत को रखा और वक्तव्य दिया, जिसमे विधायकों के साथ साथ पुरे प्रदेशवासियों की सुरक्षा की जवाबदेही सरकार का है ये कहा गया। मंत्री चौबे ने कहा कि गृह मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के कहने के बाद इस मामले का पटाक्षेप हो जाना था। लेकिन गृह मंत्री के चलते वक्तव्य के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री की टिप्पणी हुई और वे सदन छोड़कर चले गए। ये माना जा सकता ही कि ये गलतफही ही होगी। मंत्री सिंहदेव से चर्चा कर मामले को सुलझा लिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी मकई सुरक्षा की बात दोहराई है।

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