Hospital fire : रविवार की रात अचानक ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू से धुआं उठने लगा। वार्ड में भर्ती मरीज घबराकर शोर मचाने लगे। थोड़ी ही देर में पूरे फ्लोर पर अराजकता का माहौल बन गया। वार्ड बॉय और नर्सिंग स्टाफ ने तुरंत अलार्म बजाया और मदद के लिए फायर टीम को बुलाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक धुआं इतना ज्यादा भर गया कि मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। स्टाफ को समझ नहीं आ रहा था कि किस तरफ से उन्हें बाहर निकाला जाए। जैसे ही प्लास्टिक की ट्यूबें पिघलकर गिरने लगीं, हालात और बिगड़ गए।
यह दर्दनाक हादसा जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल में हुआ। यहां ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में (Hospital fire) से 8 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में 3 महिलाएं भी थीं। आशंका जताई जा रही है कि शॉर्ट सर्किट से यह (Hospital fire) भड़की। जांच के लिए शासन ने 6 सदस्यीय कमेटी बना दी है और FSL टीम मौके से साक्ष्य जुटा रही है।
फायर विभाग के कर्मचारी अवधेश पांडे ने बताया कि पूरी बिल्डिंग धुएं से घिर गई थी। हमारी टीम ने बिल्डिंग की पिछली खिड़कियां तोड़कर पानी की बौछार डाली। आग पर काबू पाने में करीब 90 मिनट का वक्त लगा। सभी मरीजों को बेड समेत बाहर सड़क पर शिफ्ट करना पड़ा।
भरतपुर जिले के शेरू नामक मरीज परिजन ने आरोप लगाया कि आग लगने से 20 मिनट पहले ही स्टाफ को धुआं दिखने की सूचना दी गई थी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। हादसे के बाद भी मरीजों को नीचे शिफ्ट करने में देर हुई।