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Horse Deaths : जबलपुर में रेस कोर्स के लिए लाए गए 19 घोड़ों की मौत, फार्म मालिक और कंपनी पर केस दर्ज

Horse Deaths

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Horse Deaths : मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से आई एक चौंकाने वाली घटना ने प्रशासन और पशुपालन विभाग को हिला दिया है। रेस कोर्स के संचालन हेतु हैदराबाद से लाए गए 57 घोड़ों में से 19 की मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में इसे ग्लैंडर बीमारी माना गया, लेकिन जांच रिपोर्ट में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद सामने आया कि घोड़ों की मौत क्रूर परिवहन (Animal Cruelty) और लापरवाही के कारण हुई है।

कैसे हुई लापरवाही?

पशुपालन विभाग की नोडल अधिकारी डॉ. ज्योति तिवारी ने बताया कि घोड़ों को छोटे वाहनों में ठूंस-ठूंस कर लाया गया। न तो प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई और न ही पशुपालन विभाग को सूचित किया गया। केवल ग्राम पंचायत रैपुरा से अस्थायी अनुमति ली गई थी।

वहीं प्रजनन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हेमलता जैन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि घोड़ों को अस्तबल की बजाय गाय-भैंस के तबेले में बांध(Horse Deaths) दिया गया। परिवहन के दौरान तनाव, अचानक वातावरण का बदलाव और भीषण गर्मी से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। उचित देखभाल और प्रबंधन न मिलने से 19 घोड़ों ने दम तोड़ दिया।

FIR दर्ज

जिलाधिकारी के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने फार्म संचालक सचिन तिवारी और हैदराबाद की कंपनी हेथा नेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर(Horse Deaths) दर्ज की है।

क्यों गंभीर है यह मामला?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि पशु संरक्षण और प्रबंधन की गंभीर चूक है। इसने साफ कर दिया है कि बड़े पैमाने पर पशुओं के परिवहन और देखभाल को लेकर सख्त नियम और उनकी निगरानी बेहद जरूरी है। यह मामला अब पूरे प्रदेश में (Horse Deaths) और (Jabalpur Case) के रूप में चर्चा का विषय बन गया है।

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