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Hookah Bar raid : गुडग़ुड़ाते हुक्के से धुंए का छल्ला उड़ाते मिली युवतियां

Hookah Bar raid : Young girls found blowing smoke rings from hookah

Hookah Bar raid

बिलासपुर/नवप्रदेश। Hookah Bar raid : हुक्का बारों पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। रायपुर में पिछले कई महीनों से हो रही छापेमारी की कार्रवाई के बाद आज फिर से बिलासपुर के बार में छापामार कार्रवाई जारी है।

पुलिस ने हुक्का बार में छापा मारा तो युवतियां भी हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए धुंआ का छल्ला उड़ाती मिलीं। हुक्के का कश लगाती हुई लड़कियों को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। पुलिस ने बार के मैनेजर व वर्करों पर कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की है। बार में पुलिस रेट गिरा तो हुक्का बार संचालक (Hookah Bar raid) मौके से फरार हो गया।

मुखबिर की सूचना पर दबिश

SSP पारुल माथुर को सूचना मिली कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मिशन हास्पिटल कैम्पस में सन्चालित वेलहल्ला कैफे में ग्राहकों को इकठ्ठा कर हुक्का पिलाया जा रहा है। एसएसपी पारुल माथुर ने सिविल लाइन एसएसपी मंजुलता बाज, कोतवली सीएसपी स्नेहिल साहू,व सिविल लाईन थाना प्रभारी सनिप रात्रे की संयुक्त टीम बना कर मौके पर कार्यवाही करने भेजा। वेलहल्ला का संचालक आकाश यादव मैनेजर मनीष चेतानी अपने वर्करों के साथ ग्राहकों को इक_ा कर के हुक्का पिलाते हुए मिले।

परिजनों को बुलाया थाने

कैफे में हुक्का (Hookah Bar raid) पीते हुए,यश चावला, यश अग्रवाल, विनय कुमार, शुभम सिंह, सोहेब खान, भूपेंद्र पटेल के अलावा दो युवक्तियां रूपल पटेल, रश्मि यादव मिले। हुक्का पीने वालों सभी युवक-युवतियों के परिजनों को थाने बुलाकर उन्हें समझाइश दे कर छोड़ा गया। वही हुक्का बार का संचालक आकाश यादव मौका पाकर फरार हो गया।

हुक्का बार बंद करने के नोटिस पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

आपको बताते चले कि, रायपुर के राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी ने एडिक्शन कैफे समेत 6 हुक्का बार संचालकों को कारोबार बंद करने के संबंध में नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए कैफे संचालकों ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच में हुई थी। वकील अंकुर अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि राज्य शासन ने हुक्काबार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि राज्य शासन कोटपा एक्ट में संशोधन कर हुक्काबार को प्रतिबंधित करने की बात कही है। संविधान के प्रावधान के अनुसार राज्य शासन बिना किसी कानून के इस तरह से किसी भी कारोबार को बंद नहीं करा सकती।

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