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Hit And Run Law : छत्तीसगढ़ में बस-ट्रक ड्राइवर की अनिश्चितकालीन हड़ताल बस एक अफवाह !

Hit And Run Law: Indefinite strike of bus-truck drivers in Chhattisgarh is just a rumour!

Hit And Run Law

रायपुर। Hit And Run Law: भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में दस साल की कैद और सात लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान करने के विरोध में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगुआई में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। इसके कारण देश भर में अफरा-तफरी मच गई। तब केंद्र सरकार ने भरोसा दिया था कि नए कानूनी प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं और ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों को भरोसे में लेकर ही इस बारे में अगला कदम उठाया जाएगा।

इस आश्वासन के बाद हड़ताल तो स्थगित कर दी गई, लेकिन अभी भी ट्रांसपोर्ट यूनियनों में कुछ निहित स्वार्थी तत्व एक बार फिर असंतोष उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह की बातें की जा रही हैं कि जब तक सरकार मोटर वाहन कानून में इन संशोधनों को वापस नहीं लेती है, तब तक ट्रांसपोर्टर चुप नहीं बैठेंगे। कुछ ट्रांसपोर्ट नेता ऐसे बयान दे रहे हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों की तरह इन मोटर कानूनों को वापस लेने का ऐलान करे। हड़ताल वापस होने के बावजूद कई ट्रांसपोर्टर देश भर में व्यापारियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। अभी भी सामान इधर-उधर पहुंचाने में परेशानी खड़ी की जा रही है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष बाल मलकीत सिंह का बयान:अफवाहों पर ध्यान न देकर अपने रोजमर्रा के कामों को जारी रखें

ड्राइवरों की हड़ताल की अफवाहों पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष बाल मलकीत सिंह ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हर जगह अफवाहें हैं कि हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवर पूरे देश में फिर हड़ताल करेंगे। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि सरकार ने कानून को वापस ले लिया है। मेरी सभी से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न देकर अपने रोजमर्रा के कामों को जारी रखें।

गृह मंत्रालय का पत्र : नया कानून लागू करने से पहले ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ बातचीत होगी

गृह मंत्रालय ने 8 जनवरी 2024 को आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान को पत्र लिखकर सूचित किया है कि भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान अभी तक लागू नहीं किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) के तहत दस साल के कारावास और जुमनि के संबंध में कोई भी फैसला आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ सलाह-मशविरे के बाद ही लागू किया जाएगा। मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था कि इस संबंध में दुबारा हड़ताल के आसार रोकने के लिए मंत्रालय अपने फैसले से अवगत कराए। इसी के जवाब में यह पत्र लिखा गया है।

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