बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदू (Hindu Unity Appeal) युवक दीपू चंद दास की निर्मम हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे न केवल मानवता के खिलाफ बताया बल्कि चेतावनी दी कि यदि हिंदू समाज अब भी जागरूक नहीं हुआ तो भविष्य में ऐसी घटनाएं भारत में भी हो सकती हैं।
इस अवसर पर उन्होंने हिंदुओं से जाति, क्षेत्र और भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील की। उनके अनुसार यह समय केवल भाषण देने का नहीं बल्कि जनजागरण का है और (Hindu Unity Appeal) के माध्यम से हिंदू राष्ट्र की भावना जन-जन तक फैलाने की जरूरत है।
आचार्य शास्त्री ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास केवल मंचीय भाषण नहीं बल्कि वास्तविक जनजागरण का अभियान है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हिंदू समाज ने संगठित होकर अपनी अस्मिता की रक्षा नहीं की, तो आने वाले समय में हालात और भयावह हो सकते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वे कागजों में हिंदू राष्ट्र नहीं चाहते बल्कि हर नागरिक के हृदय में हिंदू राष्ट्र की भावना जागृत हो। छत्तीसगढ़ सहित देश में हो रहे मतांतरण और धर्म परिवर्तन के खिलाफ भी उन्होंने लगातार हनुमंत कथा के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाए हैं। इस संदर्भ में उनका यह संदेश स्पष्ट है कि (Hindu Unity Appeal) केवल धार्मिक बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है।
पूर्व सीएम के बयान पर दी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाबाओं पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य शास्त्री ने कहा कि जो सनातन संस्कृति को नहीं मानता, वह भारत में रहने का अधिकारी नहीं है और उसे देश छोड़ देना चाहिए। उन्होंने सनातन संस्कृति को भारत की आत्मा बताते हुए कहा कि यही देश की पहचान और शक्ति है। आचार्य शास्त्री ने हनुमंत कथा के माध्यम से समाज में धर्म, संस्कार और राष्ट्रभक्ति का संदेश फैलाने का संकल्प दोहराया।
भव्य कलश यात्रा
जयंती स्टेडियम मैदान में श्री हनुमंत कथा से पहले कलश यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर कलश धारण कर शामिल हुईं। श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों, जयघोष और भक्ति गीतों के साथ नगर भ्रमण कर कथा स्थल तक यात्रा पूरी की।
पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया और आयोजन स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ कलश स्थापना की गई। इस दौरान पूरे कार्यक्रम को (Hindu Unity Appeal) के संदेश के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भव्य रूप दिया गया।

