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Bangladesh में हिंदू मंदिरों को बनाया निशाना, मंदिरों में की तोडफ़ोड़, कई घायल

Hindu temples targeted in Bangladesh, temples vandalized, many injured

Bangladesh

बांग्लादेश गृह मंत्री बोले- साजिश के तहत हमला; सूचना मंत्री बोले- इस्लाम देश का धर्म नहीं

ढाका/नवप्रदेश। Bangladesh : बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदुओं पर हमले हुए हैं और इस बार यह हमला बंगाली समाज के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के दौरान हुआ है। दरअसल, सप्तमी पूजा के दिन बांग्लादेश के कुमिल्ला स्थित एक हिंदू मंदिर में दुर्गा पूजा की रस्में चल रही थीं। इस दौरान किसी ने झांकी के हनुमान जी (जांघ) की मूर्ति पर कुरान रख दी। इससे बांग्लादेश के मुसलमान उग्र हो गए और उन्होंने बहुत ही बुरे तरीके से कई मंदिरों में तोड़फोड़ की।

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले के बाद से लगातार धर्म विशेष लोगों ने न सिर्फ मूर्तियों में तोडफ़ोड़ की बल्कि कई पूजा मंडपों को भी निशाना बनाया। चिट्टागांव के कुमिल्ला इलाके में दुर्गा पंडालों पर हमला किया जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी। चांदपुर, चिट्टागांव, गाजीपुर, बंदरबन, नोवाखाली, चपाईनवाबगंज, मौलवीबाजार सहित एक दर्जन से अधिक स्थानों में मूर्तियां सहित पंडालों को तोड़ा गया। यहां तक मुस्लिमों ने हिंदुओं के घरों को भी टारगेट करते हुए पत्थर फेंके।

मंदिरों पर हमले की कई वारदातों के बाद देश के दो बड़े मंत्रियों ने दो अलग मौकों पर बयान दिए हैं। गृह मंत्री असद्दुजमन खान ने रविवार को कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों पर जो हमले हुए वे प्री-प्लांड थे और साजिश के तहत किए गए थे। वहीं सूचना राज्य मंत्री मुराद हसन ने कहा कि इस्लाम देश का धर्म नहीं है।

असद्दुजमन खान ने मंदिरों पर हमले को लेकर कहा कि इनका उद्देश्य बांग्लादेश में सांप्रदायिक सौहाद्र्र को खत्म करना है। सबसे पहले बुधवार को कुमिल्ला में हिंदू मंदिर में लोगों पर हमला किया गया। इसके बाद सैंकड़ों ज्ञात और अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, कुमिल्ला हमला क्यों हुआ, यह पूछने पर मंत्री ने कहा कि जैसे ही हमें सारे सबूत मिल जाएंगे, हम इन्हें सार्वजनिक करेंगे और सभी दोषियों को दंड देंगे।

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बांग्लादेश एक सेक्युलर राष्ट्र, इस्लाम राष्ट्रीय धर्म नहीं

वहीं, बांग्लादेश (Bangladesh) के सूचना राज्य मंत्री मुराद हसन ने कहा कि बांग्लादेश एक सेक्युलर राष्ट्र है और हम राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजिबर रहमान के बनाए हुए 1972 वाले संविधान की ओर लौटेंगे। बांग्लादेश कभी भी धार्मिक कट्टरपंथियों की पनाह गाह नहीं हो सकता। हालांकि, यह बयान उन्होंने मंदिरों पर हमले के संदर्भ में नहीं दिया।

बंगबंधु शेख मुजिबुर रहमान के सबसे छोटे बेटे शेख रसल के 57वें जन्मदिन पर इंजीनियर्स इंस्टीट्यूट में बोलते हुए उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता इस्लाम हमारे देश का धर्म है। हमारी रगों में स्वतंत्रता सेनानियों का लहू बह रहा है। किसी भी कीमत पर हमें 1972 के संविधान पर लौटना होगा। मैं संसद में यह बात उठाऊंगा। प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुआई में यह बिल संसद में पास कराएंगे।

इस्कॉन मंदिर में तोडफ़ोड़

बांग्लादेश (Bangladesh) में दुर्गा पूजा से शुरू तनाव के बीच शुक्रवार को भीड़ ने नोआखाली के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में जमकर तोडफ़ोड़ किया। उपद्रवियों ने मंदिर का विशाल गेट को तोड़कर गर्भगृह तक पहुंचे। मंदिर की समिति ने यह दावा भी किया है कि 200 लोगों की भीड़ ने इस्कॉन के एक सदस्य पार्थो दास को बेरहमी से मार डाला। जिनका शव मंदिर के पास वाले तालाब में मिला। शुक्रवार को नोआखाली जिले में ही बेगमगंज इलाके में जतन कुमार साहा नाम के एक शख्स को मार डाला गया, जबकि 17 लोग घायल हुए।

शेख हसीना बोलीं- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे
बांग्लादेशी (Bangladesh) मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्देश पर 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। शेख हसीना ने भी देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने वादा किया है कि कुमिल्ला में सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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