रायपुर, नवप्रदेश| 19 वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, काहिरा (इजिप्ट) में 7 जून के मुख्य समारोह में भारत के रचनाकारों की 15 सद्य: प्रकाशित कृतियों, पत्रिकाओं के नियमित अंकों का लोकार्पण (Hindi Works Launched In Mkistra) मुख्य अतिथि टामन सिंह सोनवानी तथा अध्यक्ष डॉ. सविता मोहन के करकमलों से विमोचन हुआ।
उक्त अवसर पर जीवन किशोर ध्रुव, डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय, डॉ. रामकृष्ण राजपूत, पुरूषोत्तम पंचोली, मंजूला त्रिपाठी, मृत्युंजय मोहंती आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित (Hindi Works Launched In Mkistra) थे ।
लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि सोनवानी ने सभी रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा कि हिंदी के उन्नयन को भारत की लुप्त हो रही लोकभाषा व लोकबोलियों के संरक्षण के रूप में ही देखा जाना समय की ज़रूरत है,
वर्ना विदेशी भाषा अँगरेज़ी इन सभी भारतीय भाषाओं में विद्यमान ज्ञान विज्ञान की अकूत अनुभव व सत्य को एक दिन लील (Hindi Works Launched In Mkistra) जायेगी ।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के समन्वयक जयप्रकाश मानस ने अपनी विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि लोकार्पण समारोह में जिन कृतियों का विमोचन हुआ उनमें कुछ कृतियाँ प्रमुख इस प्रकार हैं :
•श्री अंबिकादत्त चतुर्वेदी – रमतेराम की डायरी – डायरी
• डॉ. रामकृष्ण राजपूत – कहानी की स्त्री-स्त्री की कहानी – आलोचना
• डॉ. रामकृष्ण राजपूत – म्यांमा में बुद्ध, जफ़र और सुभाष – संस्मरण
• श्रीमती नम्रता चड्ढ़ा – बुद्धम् शरणम् गच्छामि – आलेख
• आ. मंजूला त्रिपाठी – तथास्तु – साहित्य
• डॉ. सविता मोहन – रवीन्द्र नाथ – कवि और काव्य – आलोचना
• डॉ. जयप्रकाश मानस – होने की सार्थकता-न होने का कयास- बातचीत
• डॉ. संजीव कुमार – अनुस्वार – पत्रिका
• डॉ. रमेश सुखदेवे – तथागत संदेश (वेब वर्ज़न सहित) – त्रैमासिक पत्रिका)
• डॉ. कलानाथ मिश्र – साहित्य यात्रा – पत्रिका
• डॉ. संजीव कुमार – अश्मा -प्रबंध काव्य
• डॉ. मनोरमा कुमार – कबीर – आध्यात्मिक दर्शन – आलोचना
• श्री अंबिकादत्त चतुर्वेदी – दो पाटन के बीच में – डायरी
• डॉ. मोहन बैरागी – अक्षरवार्ता (पत्रिका)
• स्व. श्यामलाल निर्मोही – ऋग्वैदिक क्रांति और साम्यवाद – शोध/आलोचना
• डॉ.जयप्रकाश मानस – सपनों के क़रीब हों आँखें (कविता संग्रह )