बिलासपुर, नवप्रदेश। हाईकोर्ट ने राज्य शासन और पुलिस विभाग को हेड कांस्टेबल पद पर होने वाली पदोन्नति में एक पद सुरक्षित रखने का आदेश (Highcourt Order) जारी किया है। जस्टिस राजेंद्र चन्द्र सिंह सामंत की एकल बेंच ने यह आदेश रायपुर जिले में पदस्थ हेड कांस्टेबल राजेंद्र तिवारी की रिट अपील पर सुनवाई कर जारी (Highcourt Order) किया।
याचिकाकर्ता की ओर से मामले में पैरवी अधिवक्ता अनादि शर्मा ने की। अधिवक्ता अनादी शर्मा ने बताया कि रायपुर जिले में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ राजेंद्र तिवारी की नियुक्ति राजनंदगांव जिले में वर्ष 2006 में हुई थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन नेे श्री तिवारी को वर्ष 2007 में सम्बद्धता पर रायपुर जिले (Highcourt Order) भेजा था।
इसी दौरान उनका स्थानांतरण वर्ष 2013 में रायपुर में कर दिया गया। हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति पाने के लिए सभी अहर्ता रखने वाले तिवारी का नाम उनके एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के चलते वर्ष 2022 में जारी हुई वरिष्ठता सूचि में पीछे रखा था जिससे व्यथित होकर उन्होंने अपने अधिवक्ता अनादि शर्मा द्वारा हाईकोर्ट में याचिया दायर की जिसकी सुनवाई जस्टिस राजेंद्र चन्द्र सिंह सामंत की एकल बेंच में हुई।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता श्री शर्मा द्वारा यह तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता को उनकी नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाना न्यायसंगत होगा। श्री शर्मा ने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता को पूर्व में किये गए स्थानांतरण के चलते, उनको वरिष्ठता में पीछे कर देना, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 में वरिष्ठता से संबंधित निहित प्रावधानों और छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (आरक्षक से प्रधान आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक) पदोन्नति मानक संचालन प्रक्रिया 2021 के नियमों के विपरीत है।
श्री शर्मा द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता नियुक्ति के कुछ समय पश्चात् लगातार रायपुर जिले में पदस्थ थे। ऐसी स्तिथि में जब याचिकाकर्ता शुरुआत से लेकर लगातार सिविल पुलिस में कांस्टेबल में पदस्थ रहे हैं तो उनकी कांस्टेबल पर वरिष्ठता की गणना उनके नियुक्ति के तिथि से की जाएगी ना ही उस तिथि से जब उनका स्थानांतरण वर्ष 2013 में रायपुर जिले में किया गया था।
विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि विभाग द्वारा कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए जो पहली पात्रता एवं वरिष्ठता सूचि विभाग द्वारा जारी कि गयी थी। उस पर याचिकाकर्ता नें अपनी वरिष्ठता में सुधार के लिए दावा आपत्ति पेश की थी जो पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज के द्वारा निरस्त कर दी गयी थी और वर्तमान में एक दावा आपत्ति पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ के पास लंबित है।
अधिवक्ता अनादि शर्मा द्वारा माननीय कोर्ट से यह निवेदन किया गया कि कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति प्रक्रिया के चलते और याचिकाकर्ता कि वरिष्ठता में जब तक सुधार नहीं होता तब तक याचिकाकर्ता के लिए ‘हेड कांस्टेबलÓ का एक पद सुरक्षित रखा जा सकता है।
जिस पर सरकारी अधिवक्ता द्वारा मामले के संबंध में उचित मार्गदर्शन लेने हेतु समय की मांग की गयी। उक्त तर्कों के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय के जस्टिस राजेंद्र चन्द्र सिंह सामंत की एकल बेंच नें याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के लिए ‘हेड कांस्टेबल का एक पद सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई 2022 को होगी