रायपुर/नवप्रदेश। BMT Seminar : बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, रायपुर ब्रांच और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, रायपुर चैप्टर के सहयोग से रायपुर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर एक सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन का विषय बीएमटी अपडेट 2021 था।
इस उच्चस्तरीय सम्मेलन की शुरुआत मल्टीपल मायलोमा: वर्तमान अभ्यास एवं भविष्य की सम्भावनाये पर सक्रिय रूप से भाग लेने वाले पैनल चर्चा के साथ हुई जिसकी अध्यक्षता डॉ नवीन खत्री और डॉ सुनील धर्मानी ने की । पैनल चर्चा में डॉ सिद्धार्थ नंदा, डॉ राजीव आर जैन, डॉ विनय राठौड़, डॉ दिब्येंदु डे, डॉ स्मित श्रीवास्तव और डॉ विकास गोयल की भागीदारी से श्रोता लाभान्वित हुए।
इसके बाद विश्व प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ. माम्मेन चांडी, निदेशक, टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता और डॉ नवीन खत्री, उप निदेशक, ACTREC, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल , मुंबई प्रोफेसर द्वारा “बीएमटी के लिए दाता चयन” और “बीएमटी का अवलोकन” पर बहुप्रतीक्षित व्याख्यान हुए। अंत में, बालको मेडिकल सेंटर के हेमाटो -ऑन्कोलॉजी और बीएमटी फिजिशियन डॉ. दिब्येंदु डे, कंसल्टेंट हेमेटोलॉजी ने छत्तीसगढ़ राज्य में पहले एलोजेनिक बीएमटी पर एक केस पेपर प्रस्तुत किया।
सम्मेलन में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें डॉक्टर, विशेषज्ञ, चिकित्सक, विचारक, शिक्षाविद और प्रख्यात वक्ता शामिल थे। मुख्य वक्ता और स्वागत भाषण डॉ. (प्रो.) अनुराग श्रीवास्तव, चिकित्सा निदेशक, बालको मेडिकल सेंटर द्वारा दिया गया।
BMT यानि बोन मेरो ट्रांसप्लांट
बीएमटी (BMT Seminar) क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके अस्थि मज्जा को स्वस्थ अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाओं के साथ बदलने की एक प्रक्रिया है और संभवतः कुछ कैंसर और रक्त संबंधी विकारों के इलाज के लिए एकमात्र विकल्प है।
प्रत्यारोपण की बारीकियों पर विमर्श
डॉ खत्री ने अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (BMT Seminar) प्रक्रिया में दाता चयन के महत्व व अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया व अंतरराष्ट्रीय मापदंडो को डिसकस किया। साथ ही उन्होंने बालको मेडिकल सेंटर की टीम के कार्य को सराहा जिन्होंने इतने कम समय में बोन मेरो ट्रांसप्लांट जैसे इलाज को बहुत ही बढ़िया रिजल्ट के साथ शुरुआत की I
“बालको मेडिकल सेंटर पिछले महीने एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला अस्पताल बन गया। हमारे कैंसर अस्पताल में बीएमटी की सफलता ने थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग, अप्लास्टिक एनीमिया और विभिन्न रक्त कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों को नई आशा दी है, ”डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने कहा। छत्तीसगढ़ में इस तरह के सम्मेलनों के महत्व पर जोर देते हुए, डॉ श्रीवास्तव ने कहा, “बीएमटी अपडेट 2021 के माध्यम से, हम बीएमटी के क्षेत्र में चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के अनुभवों का आदान-प्रदान चाहते हैं और छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य पेशेवरों सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और पारस्परिक रूप से कम करने का प्रयास करना चाहते हैं।”
चुनौतियों पर हुई चर्चा
इस पहल का उद्देश्य डॉक्टरों, उद्योग के चिकित्सकों और स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों को बीएमटी के दौरान आने वाले प्रमुख पहलुओं और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाना है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितिन एम. नागरकर, निदेशक, एम्स, रायपुर, डॉ. विष्णु दत्त, डीन रायपुर मेडिकल कॉलेज और डॉ. श्रीकांत राजिमवाले, उप निदेशक, आयुष्मान भारत, डॉ विकास अग्रवाल (IMA प्रेसिडेंट) व डॉ रिमझिम श्रीवास्तव ( IAP प्रेसिडेंट) के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक किया गया।