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High Court Strict on Bad Roads in Chhattisgarh : सड़कों की दुर्दशा पर हाई कोर्ट सख्त…कहा- हर हाल में करें मरम्मत…

Chhattisgarh High Court

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High Court Strict on Bad Roads in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की बदहाल सड़कों और लगातार हो रहे हादसों को लेकर सोमवार को बेहद सख्त रुख अपनाया। अदालत ने साफ कहा कि रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे और बिलासपुर शहर की टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत अब हर हाल में की जानी चाहिए। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

अदालत की सख्त टिप्पणी

“गड्ढों और दरारों वाली सड़कों से रोज हादसों का खतरा है, अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”

कोर्ट ने PWD सचिव को आदेश दिया कि तत्काल सभी गड्ढे और क्रैक्स दुरुस्त किए जाएं।

अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी और अदालत इस मामले की निरंतर मॉनिटरिंग करेगी।

हाईवे पर मरम्मत कार्य और रिपोर्ट

NHAI ने कोर्ट को बताया कि रायपुर-सिमगा (48.58 किमी) और सिमगा-पेंड्रीडीह (57.40 किमी) सड़क मरम्मत दो कंपनियों को सौंपी गई है।

अब तक हुए काम

57.22 किमी घास-झाड़ियों की सफाई

43 नए हेजर्ड मार्कर और 17,795 रिफ्लेक्टर स्टिकर

14,658 रोड स्टड्स और 59 ट्रैफिक संकेतक

1,041 नई LED स्ट्रीट लाइटें

622 मीटर क्रैश बैरियर बदले गए

3.54 करोड़ रुपये की नई मरम्मत योजना को भी मंजूरी दी गई।

लेकिन अदालत ने साफ कहा कि कागजों और टेंडर तक सीमित काम नहीं चलेगा, सड़कों पर ठोस नतीजे दिखने चाहिए।

बिलासपुर की टूटी सड़कें और तकनीकी राय

पेंड्रीडीह-नेहरू चौक (15.375 किमी) सीमेंट कंक्रीट रोड (2016) में दरारें आ चुकी हैं।

PWD ने माना कि सीधे डामर बिछाने से सड़क जल्दी खराब होगी।

तकनीकी राय के लिए NIT रायपुर, IIT खड़गपुर, IIT रुड़की और CRRI दिल्ली को पत्र लिखा गया।

केवल NIT रायपुर का जवाब आया, बाकी संस्थानों का इंतजार है।

कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा – “इतने सालों में भी ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए?”

रतनपुर-सेन्दरी रोड पर खतरे

अमाइकस क्यूरी (न्याय मित्र) ने कोर्ट को बताया कि रतनपुर-सेन्दरी रोड पर कई ब्लैक स्पॉट हैं।

नालियों का पानी सड़क पर बहने से हादसों का खतरा और बढ़ गया है।

कोर्ट ने NHAI को भी इस पर अलग शपथपत्र पेश करने का आदेश दिया।

सरकार की कार्यशैली पर सवाल

कोर्ट ने पूछा: “सड़कें जनता की जिंदगी से जुड़ी हैं, तो काम केवल कोर्ट के कहने पर ही क्यों शुरू होते हैं?”

अदालत ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय में मरम्मत नहीं हुई तो हादसों की जिम्मेदारी विभागीय अफसरों(High Court Strict on Bad Roads in Chhattisgarh) पर तय होगी।

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