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संपादकीय: दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट की लताड़

High Court scolds Delhi Police

High Court scolds Delhi Police

High Court scolds Delhi Police: देश की राजधानी दिल्ली के राजेन्द्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर लताड़ लगाई है। हाईकोर्ट ने अब कोचिंग हादसे की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है।

इस मामले में दिल्ली पुलिस की कार्यवाही पर उस समय सवालिया निशान लग गया था। जब पुलिस ने एक एसयूवी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था। मनोज कथुरिया नामक ड्राइवर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस का कहना था कि उक्त ड्राइवर ने कोचिंग सेंटर के सामने तेज गति से गाड़ी चलाई थी ।

जिसकी वजह से पानी का दबाव बढ़ गया था और बेसमेंट में पानी भर गया। जिसमें डूबने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई। पुलिस की इस कार्यवाही को हास्यास्पद बताते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और यह कहा कि गनीमत है कि पुलिस ने बेसमेंट में घुसने के लिए बारिश के पानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।

दिल्ली पुलिस पर हाई कोर्ट की यह तल्ख टिप्पणी यह बताती है कि दिल्ली पुलिस गंभीर मामले की कैसी जांच कर रही है। बेसमेंट हादसे के लिए दिल्ली पुलिस ने एमसीडी से भी वांछित जानकारी हासिल नहीं की थी।

इस पर भी हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह कहकर लताड़ा कि आप पुलिस हैं आप के पास पूरा अधिकार है। आप एमसीडी के दफ्तर में जाकर संबंधित फाइलें जब्त कर सकते है। क्या आपको कोर्ट यह बताएगा कि आपको यह सब कैसे करना है। कुल मिलाकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्लास लगा दी और उक्त ड्राइवर को जमानत पर रिहा कर दिया।

अब इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई है। इसलिए यह उम्मीद की जानी चाहिए की इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को उनके किए की सजा मिलकर रहेगी।

पुलिस की जांच से तो दस हादसे के वास्तविक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही होने की कतई उम्मीद नहीं थी। प्रथम दृष्टि में ही यह साफ नजर आ रहा है कि एमसीडी ने नियम कायदों को ताक पर रखकर बिल्डिग़ प्लान को अनुमति दी थी।

जाहिर है इसमें रिश्वत ली गईथी। यही वजह है कि इस घटना के बाद एमसीडी ने एक जुनियर इंंजीनियर को पद से बर्खास्त कर दिया है और एक असिस्टेन्ट इंजीनियर को सस्पेंड कर के अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है।

बहरहाल अब सीबीआई जांच में बड़े अधिकारी भी लपेटे में आएंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही संभव होगी।

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