लखनऊ। love jihad: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि विवाह के लिए केवल धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं है। हालांकि, अदालत ने शादी के तीन महीने बाद सुरक्षा की मांग करने वाले एक जोड़े की याचिका में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया।
इस मामले में याचिका दायर करने वाली महिला मुस्लिम है। लेकिन वह एक हिंदू व्यक्ति से शादी करने के लिए अपनी शादी से एक महीने पहले हिंदू धर्म (love jihad) में परिवर्तित हो गई थी। इस बीच, महेशचंद्र त्रिपाठी की एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी।
याचिका में निर्देश है कि रिश्तेदारों को वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस बीच, अदालत ने आपके क्षेत्र में संबंधित निचली अदालत में जाने का रास्ता खुला छोड़ दिया है।
लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए कानून
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लव जिहाद को रोकने के लिए जल्द ही एक कानून बनाया जाएगा।