जीवन एस साहू/गरियाबंद/नवप्रदेश। High Court Orders : नगर पालिका प्रशासन इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। स्थानीय पालिका प्रशासन के हौसलें इतने बुलंद हो गए हैं कि हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मनमानी करने में आतुर है। ताजा मामला के तहत अतिक्रमण हटाने के नाम पर एक मात्र वर्षों से काबिज बस स्टैंड से लगा हुआ होटल का व्यवसाय चला रहे सेवक राम निषाद के ऊपर नगर पालिका कार्रवाई ने कहर बरपाने का अभियान तेज कर दिया है।
सेवक निषाद के होटल को ध्वस्त करने के बाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नगर पालिका प्रशासन द्वारा बीते 20 फरवरी 2023 को कब्जा हटाने का नोटिस दिया गया है। जिसके बाद मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। स्थानीय पालिका प्रशासन के इस रवैए से लोगों में रोष व्याप्त है। वहीं नगर पालिका की कार्रवाई को देखकर ऐसा लगता है कि गरियाबंद नगर के 15 वार्डों सहित बस स्टैंड एवं प्रमुख स्थानों में अतिक्रमण एकमात्र सेवक राम निषाद का है, जिसे हटाना जरूरी समझा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार नगर पालिका प्रशासन की हठधर्मिता की कार्रवाई को देखकर आम जनता में जबरदस्त नाराजगी व्याप्त है। कारण कि बगैर नोटिस व कमिश्नर के स्टे की परवाह करते हुए पालिका प्रशासन ने उस होटल को तोड़ा है। इस मामले में वैसे भी यहां के एसडीएम और पालिका सीएमओ कटघरे में आ गए हैं, आने वाले समय में इस मामले में न्यायिक नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं। चूंकि पालिका द्वारा होटल जिसका तोड़ा गया है, वह व्यक्ति अत्यंत गरीब है। वर्षों से इसी सहारे अपने परिवार का पालन पोषण करता था। पालिका प्रशासन तो मनमानी कर ही रहा है। वहीं चुने हुए जनप्रतिनिधि भी मौन साध लिए हैं। इनके खिलाफ आम नागरिकों में नाराजगी व्याप्त है, क्योंकि कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जनप्रतिनिधियों में पक्ष और विपक्ष की खामोशी समझ से परे है। इसके खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई को देख यही कहा जा सकता है की पालिका प्रशासन ने हद कर दी है
बीते दिनों नगर पालिका प्रशासन ने जिला मुख्यालय के बस स्टेंड स्थित सेवक राम निषाद के होटल को बगैर नोटिस के तोड़ने के मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस नरेन्द कुमार व्यास ने राजस्व विभाग एवं नगर पालिका प्रशासन को तलब किया है।
गौरतलब है कि बीते दिनों नगर पालिका प्रशासन ने बस स्टैंड गरियाबंद में 4 दशक पूर्व से काबिज़ सेवक राम निषाद के होटल को बगैर नोटिस के तोड़ने की कार्रवाई की थी। जिसके बाद सेवक राम निषाद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया अब हाईकोर्ट के संज्ञान में आने के बाद से सेवक राम को न्याय की उम्मीद जागी है।
नगर पालिका के एकतरफा कार्यवाही से हतप्रभ सेवक राम निषाद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सेवक राम निषाद ने अपने वकील के के पांडे के माध्यम से कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। सन 2017-18 में कलेक्टर के अनुमोदन के तहत उसे मकान का पट्टा मिला था। जिसे अचानक निरस्त कर दिया गया। निरस्त होने के बाद उसने निरस्त आदेश को चुनौती देते हुये संभागायुक्त न्यायालय में अपील प्रस्तुत की, जिस पर संभागायुक्त कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुये निरस्त आदेश पर रोक लगा दी थी। वहीं कुछ दिन पूर्व गरियाबंद नगर पालिका और राजस्व विभाग ने संभागायुक्त के स्टे की परवाह नहीं करते हुये उसके होटल को ध्वस्त कर दिया।
हाईकोर्ट बिलासपुर के जस्टिस नरेन्द कुमार व्यास ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये गरियाबंद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भूपेंद्र कुमार साहू और मुख्य नगर पालिका अधिकारी टॉमसन रात्रे को मकान ध्वस्त किये जाने के कारणों सहित आगामी सुनवाई 28 मार्च को उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है।