प्रदेश सरकार ने 58 से बढ़ाकर 82 फीसदी किया था आरक्षण
रायपुर/नवप्रदेश। हाईकोर्ट (high court) ने आरक्षण बढ़ाने (increasing reservation) के प्रदेश की भूपेश सरकार (bhupesh government) के फैसले (decision) पर रोक (stay) लगा दी है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने राज्य में आरक्षण की सीमा को 58 से बढ़ाकर 82 फीसदी कर दिया था। जिसके तहत एसटी का आरक्षण 12 से बढ़ाकर 13 फीसदी, ओबीसी का 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी व एससी का 32 फीसदी यथावत रखा गया था।
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी 10 फीसदी आरक्षण (reservation) दिया गया था। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (chief minister bhupesh baghel) ने इसकी घोषणा की थी। लेकिन सरकार के इस फैसले के विरोध में बिलासपुर हाईकोर्ट (bilaspur high court) में 4 याचिकाएं लगाई गई थी। जिन पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आरक्षण बढ़ाने (increasing reservation) केे फैसले पर रोक लगा दी है। अदालत के इस फैसले को प्रदेश सरकार के लिए झटका माना जा रहा है।
आगे क्या :
अब सरकार को अपने फैसले (decision) पर पुनर्विचार करना होगा। देखना होगा कि फैसले को लागू करने में कहां कोई कमी रह गई। इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों से रायशुमारी हो सकती है। सरकार भी अदालत में अपना पक्ष रखेगी।
ये है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी राज्य में आरक्षण (reservation) की सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती। हालांकि विशेष परिस्थितियों में इसे बढ़ाया जा सकता है। जैसे महाराष्ट्र में मराठाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान कर इस सीमा को पार किया गया।