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High Court Breaking : बिलासपुर हाईकोर्ट का अहम फैसला…विज्ञापन जारी होने के बाद शर्तों में नहीं किया जा सकता बदलाव

Shock to ED in Excise case :

Shock to ED in Excise case :

रायपुर/नवप्रदेश। High Court Breaking : स्व० लखीराम अग्रवाल स्मृति मेडिकल कालेज रायगढ़ द्वारा विज्ञापन के शर्तों के विपरीत वार्ड बॉय हेतु कौशल परीक्षा लिये जाने के निर्देश को माननीय उच्च न्यायालय ने निरस्त करते हुए लिखित परीक्षा के आधार पर एकलपीठ ने चयन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिये थे, जिसे मुख्य न्यायाधीश के युगलपीठ ने बरकरार रखते हुए रिट अपील को निरस्त कर दिया।

छ०ग० स्व० लखीराम अग्रवाल स्मृति मेडिकल कालेज में वार्ड बॉय के 42 पदों के लिए दिनांक 19.09.2017 को विज्ञापन जारी किया गया था. जिसके अनुसार विज्ञापित पदों पर चयन हेतु प्रवीण्य सूची लिखित परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर तैयार की जायेगी. याचिकाकर्ता मनराज तम्बोली ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एकलपीठ के समक्ष रिट याचिका पेश कर बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग से आवेदन किया एवं लिखित परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग से तीसरा स्थान प्राप्त किया लिखित परीक्षा का परिणाम दिनांक 22.01.2018 को घोषित किया गया एवं दो दिनों बाद दिनांक 24.01.2018 को चयन समिति ने निर्णय लिया कि वार्ड बॉय का पद तकनीकी प्रकार का है इसलिये कौशल परीक्षा भी लिया जाना जरूरी है एवं इस कारण कौशल परीक्षा के आधार पर चयन किया जायेगा एवं इस हेतु लिखित परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को एक अनुपात सात में कौशल परीक्षा हेतु बुलाया जायेगा, उक्त निर्णय को याचिकाकर्ता मनराज तंबोली ने चयन समिति के समक्ष आपत्ती किया कि विज्ञापन के अनुसार लिखित परीक्षा के अनुसार ही चयन होना था।

लिखित परीक्षा में सभी प्रकार प्रश्न पूछे गये थे एवं परिणाम घोषित होने के बाद कौशल परीक्षा नहीं लिया जा सकता, किंतु आपत्ति को दरकिनार करते हुए कौशल परीक्षा ले लिया गया, एवं कौशल परीक्षा की मेरिट सूची घोषित कर दावा आपत्ति मंगाया गया, जिसे मनराज तंबोली ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दिया और बताया कि एक बार विज्ञापन जारी होने के बाद चयन प्रक्रिया के दौरान विज्ञापन के शर्तों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता, जिस पर प्रतिवादीगण की ओर से क गया कि यह चयन समिति का विशेष अधिकार है एवं याचिकाकर्ता ने कौशल परीक्षा में भाग लिया है इस कारण वह और अब चुनौती नहीं दे सकता, जिस पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी०सेम, कोशी ने निर्णित किया।

याचिकाकर्ता ने कौशल परीक्षा (High Court Breaking) के लिए शुरू में ही अपनी आपत्ति दर्ज करा दी श्री. इस कारण वह याचिका प्रस्तुत कर सकता है क्योंकि उसके आपत्ति पर कोई निर्णय ही नहीं लिया गया है। चयन प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद उसे परिणाम घोषित होने के बाद विज्ञापन के शतों में परिवर्तन में नहीं किया जा सकता है एवं भर्ती नियम में चयन समिति को इस प्रकार का कोई अधिकार नहीं दिया गया है। एवं न ही न्यायालय के समक्ष ऐसा कोई अधिकार का प्रावधान शासन की ओर से बताया गया है इस कारण कौशल परीक्षा लेने का निर्णय गलत है एवं कौशल परीक्षा लेने के निर्णय को निरस्त किया जाता है एवं प्रतिवादीगणों को निर्देशित किया जाता है कि वह लिखित परीक्षा के प्राप्तांको के आधार पर चयन प्रक्रिया पूर्ण करें।

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