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Hemant Soren : हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, 11 नवंबर को पेश किए जाएंगे खतियान और आरक्षण बढ़ाने वाले बिल

रांची, नवप्रदेश। हेमंत सोरेन सरकार 11 नवंबर को 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति का प्रस्ताव विधानसभा में पेश करेगी। यह बिल झारखंड के मूल निवासियों की परिभाषा तय करता है। इस बिल के तहत जो लोग 1932 तक झारखंड में आकर बस गए थे, उन्हें राज्य का मूल निवासी माना जाएगा।

वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा- झारखंडवासियों के लिए 11 नवंबर एक बार फिर ऐतिहासिक दिन बनेगा। दो साल पहले 11 नवंबर के दिन सरना आदिवासी धर्म कोड पारित किया गया था।

इस साल 11 नवंबर के दिन हम 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता और ओबीसी, एसटी, एससी आरक्षण बढ़ाने वाला विधेयक विधानसभा से पारित कराएंगे।

मालूम हो कि जब से चुनाव आयोग की वजह से झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हुआ है और ईडी की कार्रवाई तेज हुई है तभी से झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन अपने सामाजिक आधार का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 1932 खतियान आधारित स्थानीयता बिल की मांग और एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण बढ़ाने जैसे मुद्दों को झामुमो ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। दोनों मुद्दों को झामुमो के घोषणापत्र में शामिल किया गया था। 

चुनाव आयोग द्वारा सोरेन को विधायक पद से अयोग्य घोषित करने की धमकी से झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो जाने के बाद हेमंत सोरेन और झामुमो ने दोनों मुद्दों पर फिर से सक्रिय होना शुरू कर दिया।

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