नई दिल्ली। Heart Attack : टीवी के मशहूर अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन, कई सवालों को जन्म दे रहा है। जिसने भी यह खबर सुनी वह दंग रह गया।
सबके मन में एक ही सवाल था कि क्या इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक आ सकता है। और वह भी तभी जब व्यक्ति सतह तौर पर पूरी तरह से फिट दिखे।
अब सिद्धार्थ के हार्ट अटैक की वजहें धीरे-धीरे सामने आएंगी। लेकिन 40 साल में हार्ट अटैक आना साफ तौर से आपकी खराब लाइफ स्टाइल की ओर संकेत करता है। जानकर हैरानी हो सकती है की भारत की 70 परसेंट आबादी पर हार्ट अटैक का खतरा है।
हर साल 28% मौतें सिर्फ दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होती
हाल में हुए एक सर्वे के मुताबिक, हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा गांवों की अपेक्षा शहरों में रहने वाले लोगों को ज्यादा है। सफोला लाइफ सर्वे के मुताबिक, हर चौथे मिनट में एक व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है, तो वहीं भारत में हर साल होने वाली 28 परसेंट मौतों की वजह हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियां हैं।
देश में बढ़े हृदय रोगों से मौत के मामले
द लैंसेट में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में होने वाली कुल मौतों में 28 परसेंट दिल (Heart Attack) की बीमारियों की वजह से होती है।
1990 में 15 परसेंट मौतों की सबसे बड़ी वजह ही दिल की बीमारियां थी, लेकिन अब भारत में होने वाली मौतों की पहली वजह बन चुकी हैं दिल की बीमारियां।
दूसरी लहर में कुल मौतों में 70 फीसदी को हृदय से जुड़ूी दिक्कतें
इसके अलावा अब कोरोना वायरस का कहर भी दिल को इफेक्ट कर रहा है। दूसरी लहर में कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में अलग-अलग तरह की गंभीर दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। इन दिक्कतों में हृदय से संबंधित कई दिक्कतें भी शामिल हैं। कोरोना से रिकवर होने के बाद अपने हृदय का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इस बार कोरोना वायरस मरीज के हृदय पर भी हमला कर रहा है।
एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर में मारे जा रहे कुल मरीजों में से 70 फीसदी मरीजों की मौत दिल से संबंधित समस्याओं की वजह से हुई। उन्होंने बताया कि दूसरी लहर में युवा वर्ग भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, जिसे पहले कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।
इतना ही नहीं, साधारण दिनों में हार्ट अटैक के 100 से 120 मामले हर महीने देखे जाते थे लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और अब इसकी संख्या हर महीने 200 से 250 तक पहुंच गई है। डॉक्टर्स की माने तो इन मामलों में सामान्य हार्ट अटैक के साथ-साथ वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें कोरोना की वजह से अटैक पड़ा।
इस कारण युवा तेजी से हो रहे है शिकार
- लाइफ स्टाइल डिजीज के कारण बढ़ा है खतरा
- 30 से 40 साल के 57 परसेंट युवा तनाव की वजह से दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
- 41 से 55 साल के 71 परसेंट लोग टेंशन के कारण दिल की बीमारियों के खतरे पर हैं।
- 30 से 40 वर्ष के 55 परसेंट युवा जो 7 घंटे की नींद पूरी नहीं करते उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा होता है।
- 41 से 55 साल के 71 परसेंट जो दिल के मरीज हैं उसकी वजह ही कम नींद लेना है।
असामयिक मृत्यु को रोक सकते हैं
- स्मोकिंग तुरंत छोड़ दें।
- हफ्ते में 4-5 दिन एक्सरसाइज जरूर करें।
- नमक कम खाएं।
- हरी सब्जियां, फल ज्यादा खाएं।
- जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब अवॉयड करें।
- तनाव न लें।
- 7-8 घंटे की नींद दिमाग के साथ दिल को भी हेल्दी रखती है।