हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को घटाकर शून्य किए जाने के बाद देश में मेडिकल बीमा के स्वरूप में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। प्रीमियम में आई राहत का सीधा असर हेल्थ कवर के आकार पर पड़ा है और औसत बीमा राशि में 31 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बदलाव हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में हेल्थ कवर की मजबूत वृद्धि (Health Insurance Growth) को दर्शाता है।
पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी हटने से पहले जहां औसत हेल्थ इंश्योरेंस कवर 14.5 लाख रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर करीब 19 लाख रुपये हो गया है। कम प्रीमियम के कारण लोग अब पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षा वाला हेल्थ कवर चुन रहे हैं, जिससे हेल्थ इंश्योरेंस में भरोसे की बढ़त (Health Insurance Growth) साफ नजर आती है।
आंकड़े बताते हैं कि 10 से 25 लाख रुपये के हेल्थ कवर में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि 25 लाख रुपये या उससे अधिक की पालिसी में 85 प्रतिशत तक की तेजी आई है। इसके उलट, 10 लाख रुपये से कम बीमा राशि वाली पालिसी की मांग में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो बड़े कवर की ओर साफ बदलाव को दर्शाता है। साल-दर-साल तुलना में यह गिरावट 29 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि मिड और हाई सेगमेंट में हेल्थ इंश्योरेंस का विस्तार (Health Insurance Growth) लगातार बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दिल की बीमारियां, कैंसर और मोतियाबिंद सबसे ज्यादा क्लेम के कारण बने हैं। साथ ही, उपभोक्ता अब एक साथ कई वर्षों के लिए पालिसी खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि लंबे समय तक सुरक्षा और बचत सुनिश्चित की जा सके।
शहरों के स्तर पर देखें तो छोटे शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की मांग तेजी से बढ़ी है। टियर-3 शहरों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता अब महानगरों तक सीमित नहीं रही। कुल मिलाकर, जीएसटी छूट के बाद देश में मेडिकल बीमा का मजबूत उभार (Health Insurance Growth) साफ दिखाई दे रहा है।

