रायपुर/नवप्रदेश। Hasdeo Aranya : हसदेव अरण्य क्षेत्र में खनन मामले पर सीएम भूपेश बघेल के बयान अगर टीएस सिंहदेव नहीं चाहते तो वहां पेड़ क्या एक डगाल भी नहीं कटेगा पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीएम का आभार जताया है।
सिंहदेव ने बुधवार को ट्वीटर पर पोस्ट करके लिखा-भूपेश भाई को हसदेव आंदोलन पर बयान के लिए आभार। लगभग 100 दिन से लगातार आंदोलनरत ग्रामीणों की बात पर उन्होंने उनके पक्ष में सहमति व्यक्त की है। प्रश्न आंदोलन कर रहे ग्रामीणजनों के व्यापक एवं संवैधानिक हित का है और उनके साथ खड़े होने पर भूपेश बघेल भाई को पुनः धन्यवाद।
सवाल उनके चाहने या न चाहने का नहीं है
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सोमवार को हसदेव अरण्य (Hasdeo Aranya) क्षेत्र के खदान प्रभावित गांव हरिहरपुर पहुंचे थे। मंत्री सिंहदेव ने कहा था, सवाल उनके चाहने या न चाहने का नहीं है। वे व्यक्तिगत रूप से चाहें कि वहां पेड़ न कटे और जिनकी जमीन जा रही है, वे अगर चाहते हैं कि वहां खदान खुले तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए। वहां कई गांवों के लोग खदानों के विरोध में धरना दे रहे हैं। सिंहदेव ने ग्रामीणों के आंदोलन से एकजुटता दिखाने की अपील करते हुए कहा, अगर गांव के लोग एक राय रहे तो उनकी जमीन कोई नहीं छीन सकता। कोयले के लिए इतने समृद्ध जंगलों का विनाश नहीं होना चाहिए।
भाजपा भी खुलकर आ गई मैदान में
हसदेव अरण्य आंदोलन में भाजपा भी खुलकर मैदान में आ गई है। भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को हसदेव अरण्य क्षेत्र गया था। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रामविचार नेताम, केदार कश्यप आदि नेताओं ने वहां आंदोलन वाले गांव हरिहरपुर से थोड़ी दूर बसे घाटबर्रा गांव में एक बैठक की। बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को प्रेस काफ्रेंस में कहा, नियम कायदे और कानून कहते हैं कि राज्य सरकार अगर पर्यावरण मंजूरी ना दें और राज्य सरकार न चाहे तो कोई भी उनके क्षेत्र में खनन नहीं कर सकता।
जनता कांग्रेस ने किया सिंहदेव के बयान का स्वागत-
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) ने भी हसदेव मामले पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान का स्वागत किया है। जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनहित में खड़े होने वाला है ही सच्चा जनसेवक होता है। हसदेव बचाओ अभियान में टीएस सिंह देव जी के समर्थन मिलने से ग्रामीणों का मनोबल बढ़ा है। अमित जोगी ने कहा सभी को एकजुट होकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ही हसदेव को बचाया जा सकता है। अमित जोगी ने भी हसदेव कूच की घोषणा की है।
हसदेव पर आखिर इतना हंगामा क्यों ?
छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले के बीच में स्थित एक समृद्ध जंगल है।यह करीब एक लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैला है। यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में 10 हजार आदिवासी हैं। हाथी तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा जैसे जीव, 82 तरह के पक्षी, दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई गई हैं।
इस इलाके में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम (Hasdeo Aranya) को चार कोयला खदानें आवंटित की गई हैं। एक में 2012 से खनन से चल रहा है। इसका विस्तार होना है। वहीं एक को अंतिम वन स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 841 हेक्टेयर जंगल को काटा जाना है तथा दो गांवों को विस्थापित भी किया जाना है। स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। 26 अप्रैल की रात प्रशासन ने चुपके से सैकड़ों पेड़ कटवा दिए। उसके बाद आंदोलन पूरे प्रदेश में फैल गया। अभी प्रशासन ने फिर पेड़ काटे हैं। विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी यहां पहुंचे थे और वनवासियों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने भी लंदन में एक कार्यक्रम में हसदेव आंदोलन का समर्थन किया था।