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Hanumant Katha Bhilai : भिलाई आ रहे पंडित धीरेंद्र शास्त्री, लगेगा दिव्य दरबार, सुनाएंगे हनुमंत कथा

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इस्पात नगरी भिलाई पहली बार सनातन धर्म के ध्वजवाहक व युवा कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन की साक्षी बनने जा रही है। 25 से 29 दिसंबर तक जयंती स्टेडियम के समीप ग्राउंड में दिव्य श्रीहनुमंत कथा (Hanumant Katha Bhilai) का भव्य आयोजन होने वाला है।

आयोजकों के अनुसार पंडित शास्त्री प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराएंगे। यह आयोजन भिलाई के धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जा रहा है। इस मंच से भक्ति, धर्म, मर्यादा और आध्यात्म ज्ञान का संदेश पूरे प्रदेश में प्रसारित होने की अपेक्षा है।

27 दिसंबर को लगेगा दिव्य दरबार

कथा के दौरान 27 दिसंबर को विशेष दिव्य दरबार आयोजित होगा, जिसमें पंडित शास्त्री श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान हेतु पर्ची निकालकर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। समिति ने बताया कि सेवा समर्पण समिति, दुर्ग द्वारा इस दिव्य आयोजन (Hanumant Katha Bhilai) के लिए व्यापक तैयारियां प्रारंभ की जा चुकी हैं।

कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, आयोजन समिति प्रमुख पंडित वीरेंद्र प्रसाद शुक्ला सहित कई जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठन लगातार कार्यक्रम की व्यवस्थाओं पर कार्यरत हैं।

हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है, जिसके लिए मैदान क्षेत्र में स्टेज, साउंड सिस्टम, प्रकाश व्यवस्था और प्रवेश–निकास प्रबंधन को लेकर अलग-अलग टीम बनाई गई है। आयोजन समिति का दावा है कि इस कार्यक्रम से न सिर्फ भिलाई–दुर्ग क्षेत्र में धार्मिक वातावरण सशक्त होगा बल्कि पूरे प्रदेश से भक्तों का बड़ा प्रवाह देखने को मिलेगा।

तैयारी तेज, समाज संगठनों का सहयोग

आयोजकों ने बताया कि श्रद्धालुओं (Hanumant Darbar Event) की सुविधा के लिए विशाल डोमशेड, शीतल पेयजल व्यवस्था, प्राथमिक उपचार केंद्र और सुव्यवस्थित पार्किंग की तैयारी की जा रही है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने हेतु वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं।

इसके अलावा साहू समाज, यादव समाज, सिख समाज, अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज, चंद्राकर समाज, देवांगन समाज, सिंधी पंचायत, चैंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यावसायिक तथा सामाजिक संस्थाएं कार्यक्रम में सहयोग प्रदान कर रही हैं। कथा के दौरान स्थानीय कलाकारों और सेवादारों द्वारा विशाल सेवा शिविर भी लगाए जा सकते हैं, जहां भक्त प्रसाद, पेयजल एवं विश्राम व्यवस्था का लाभ ले सकेंगे ।

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