गुवाहाटी/नवप्रदेश। गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati High Court) ने एक महिला (woman) की याचिका (Petition) को खारिज (Dismissed) करते हुए कहा कि पैन कार्ड, (Pan Card) भूमि और बैंक दस्तावेज (Land and bank documents) भारतीय नागरिक (Indian citizen) होने के सबूत नहीं (No proof) है।
गुवाहाटी अदालत में महिला ने नागरिकता संबंधी याचिका को नागरिकता दावा निरस्त करने के प्राधिकरण के आदेश को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि जस्टिस मनोजित भुइयां और जस्टिस पीजे सैकिया ने जाबेदा बेगम के द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि महिला द्वारा जमा किए गए दस्तावेज उसका संबंध उन लोगों से स्थापित नहीं कर पाए जिन्हें उसने अपना पिता या भाई बताया था।
जाबेदा बेगम ने अपनी नागरिकता (Indian citizen) को साबित करने के लिए राशन कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और पिता जाबेदा अली का एनआरसी ब्योरा, माता-पिता के नाम की मतदाता सूचियां और कई भूमि राजस्व रसीद सहित 14 दस्तावेज जमा किए थे।
पुलिस अधीक्षक ने जाबेदा को अपनी भारतीय नागरिकता (Indian citizen) होने के सबुत पेश करने नोटिस भेजा था। जिसके बाद जाबेदा बेगम ने अपने 14 दस्तावेजों के साथ अपना लिखित बयान भी दर्ज किया और साथ में भारतीय नागरिक होने का दावां भी किया था। जाबेदा ने दावा किया कि उनका जन्म भारत में हुआ है।
इसने बैंक दस्तावेजों को भी खारिज कर दिया। इसने कहा कि याचिकाकर्ता अपने द्वारा बताए गए अपने माता-पिता से संपर्क जोडऩे वाले दस्तावेज दायर करने में विफल रही। उसने प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की।
हाईकोर्ट ने कहा कि इसने प्राधिकरण के आदेश का गहराई से अध्ययन किया है और पाया है कि वह अपने द्वारा बताए गए माता-पिता या भाई से अपना संपर्क स्थापित करने वाले दस्तावेज दायर करने में विफल रही। खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट पूर्व में भी 2016 में एक अन्य मामले में व्यवस्था दे चुका है कि पैन कार्ड और बैंक दस्तावेज नागरिकता के सबूत नहीं हैं। (एजेंसी)