ज्योतिष के अनुसार 2025 का अंतिम महीना कई राशियों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि 5 दिसंबर को देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। बृहस्पति (Guru Vakri Gochar 2025) को ज्ञान, विवेक, विकास और भाग्य का कारक माना जाता है, इसलिए उनका वक्री होना जीवन के कई पहलुओं — करियर, धन, रिश्ते और मानसिक स्थिति — पर सीधा प्रभाव डाल सकता है।
शुक्र, सूर्य और चंद्र के बाद गुरु का यह परिवर्तन वर्ष 2026 तक प्रभाव देगा और कुछ जातकों के लिए यह परीक्षा और संयम का समय लेकर आ सकता है। मिथुन में स्थित बुध का प्रभाव बुद्धि और सीखने की क्षमता बढ़ाएगा, लेकिन वहीँ जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान भी करा सकते हैं। ज्योतिष विशेषज्ञ मानते हैं कि इस अवधि में मेहनत और अनुभव तो वृद्धि देंगे लेकिन परिणाम मिलने में देरी संभव है, इसलिए कदम सावधानी से बढ़ाने की सलाह दी जा रही है।
किन राशियों को रखना होगा विशेष ध्यान?
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु वक्री गोचर तीसरे भाव में प्रभाव डालेंगे, जिससे आर्थिक (Guru Vakri Gochar 2025) कामों में अड़चनें आ सकती हैं। करियर से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय लेने में जल्दबाज़ी नुकसान करा सकती है और अनावश्यक यात्राएँ खर्च बढ़ा सकती हैं, इसलिए पैसे, नौकरी और स्वास्थ्य मामलों में सतर्क रहना जरूरी होगा।
वृषभ राशि वालों के लिए यह समय दूसरे भाव से प्रभावित करेगा, जिसके चलते कार्यस्थल पर दबाव महसूस हो सकता है और प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। खर्च बढ़ने की संभावना है, वहीं घमंड या तीखे शब्द रिश्तों में तनाव ला सकते हैं — विशेषकर जीवनसाथी के साथ व्यवहार में नरमी ज़रूरी है।
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर नौवें भाव में प्रभावशाली रहेगा। यह स्थिति करियर में प्रगति की गति धीमी कर सकती है और सफलता देर से मिल सकती है। आय में कमी नहीं होगी, लेकिन खर्च बढ़ने की संभावना अधिक रहेगी। रिश्तों, विशेष रूप से विवाह और साझेदारी में गलतफहमियां बनने से बचना होगा।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु वक्री गोचर आठवें भाव में रहेगा और यही स्थिति वित्तीय मामलों में जोखिम बढ़ा सकती है। कोई निवेश, लोन, प्रॉपर्टी या पार्टनरशिप (Guru Vakri Gochar 2025) से जुड़ा फैसला तुरंत लेने के बजाय सोच-समझकर लें। करियर में जल्द सफल होने की कोशिश उल्टा नुकसान दे सकती है, जबकि अहंकार रिश्तों में दूरी ला सकता है।
ज्योतिष अनुसार यह गोचर चुनौतियों के साथ अवसर भी लेकर आता है। जो लोग धैर्य, विवेक और अनुशासन के साथ आगे बढ़ेंगे उन्हें धीरे-धीरे प्रगति और ज्ञान की प्राप्ति होगी। 2026 तक यह स्थिति जीवन की दिशा बदलने वाली साबित हो सकती है — इसलिए हर फैसले में सोच, संतुलन और समय की समझ सबसे बड़ा हथियार होगी।

