2002 के दंगे में एक हजार से ज्यादा लोंगो की हुई थी मौत
59 कारसेवकों को जिंदा जलाया गया
गांधीनगर/नवप्रदेश। गुजरात विधानसभा (Gujarat assembly) में आज नानावती आयोग ने 2002 में हुए गुजरात दंगे (Gujarat riots) की फाईनल रिपोर्ट रखी गई। इस रिपोर्ट में गुजरात गृहमंत्री ने सदन में कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को क्लीन चिट (clean chit) दी गई। गौरतलब है कि 27 फरवरी को गुजरात के गोधरा (Gujarat riots) में साबरमती एक्सप्रेस में 59 कारसेवकों को जिंदा जलाए दिया गया था। जिसके बाद पुरे गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी।
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दंगे कोई सुनियोजित नहीं थे
नानावती आयोग की अंतिम जांच रिपोर्ट विधानसभा (Gujarat assembly) में रखी गई। गुजरात के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगे सभी आरोप खारिज किए गए है। कमिशन की इस रिपोर्ट में यह भी कहा कि गया कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी जलाए जाने के बाद सांप्रदायिक ङ्क्षहसा सुनियोजित नहीं थी।
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किसी भी मंत्री के खिलाफ सबूत नही
1500 पन्नों की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा कोई सबुत नहीं मिला कि राज्य के किसी मंत्री ने इन सांप्रदायिक हिंसा को उकसाया और भड़काया है। भीड़ को संभालने में पुलिसकर्मी नाकाम रहे जिसके वजह से यह हिंसा हुई। प्रशासन के पास पर्याप्त पुलिस बल नहीं होने से ङ्क्षहसा ने भयावह रूप धारण कर लिया। आयोग ने दोषि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच व कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
एक हजार से ज्यादा लोग हुए शिकार
रिटायर्ड न्यायाधीश और अक्षय मेहता ने 2002 की अंतिम रिपोर्ट को पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी। इस सांप्रदायिक हिंसा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसमें मरने वालों में सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे। दंगे गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगाए जाने के बाद भड़के थे, जिसमें 59 कारसेवक मारे गए थे।