GST Rate Cut Impact : जीएसटी सुधारों से थमी महंगाई की रफ्तार, खुदरा महंगाई में 25 आधार अंक की गिरावट

GST Rate Cut Impact

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एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी में किए गए सुधारों का सीधा असर खुदरा महंगाई (GST Rate Cut Impact) पर पड़ा है।

सितंबर से नवंबर 2025 के बीच उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर मापी जाने वाली खुदरा महंगाई में करीब 25 आधार अंकों की कमी दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी सुधारों ने महंगाई के दबाव को सीमित करने में अहम भूमिका निभाई है।

रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु-दर-वस्तु विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि जीएसटी दरों में बदलाव के चलते अब तक खुदरा महंगाई में 25 आधार अंकों की गिरावट (GST Rate Cut Impact) आई है।

इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर दी जाने वाली छूट को शामिल नहीं किया गया है, जिसे जोड़ने पर महंगाई में कमी का असर और ज्यादा हो सकता है। इससे पहले एसबीआई रिसर्च ने अनुमान जताया था कि जीएसटी सुधारों से खुदरा महंगाई में 85 आधार अंकों तक की कमी संभव है।

एसबीआई रिसर्च का आकलन है कि पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान जीएसटी सुधारों का संयुक्त प्रभाव देखने को मिलेगा और इस अवधि में खुदरा महंगाई कुल मिलाकर करीब 35 आधार अंक तक घट सकती है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि रुपये में कमजोरी आने वाले महीनों में महंगाई पर दोबारा दबाव बना सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में औसत खुदरा महंगाई (GST Rate Cut Impact) 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2026-27 में यह बढ़कर 3.4 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

नवंबर 2025 में खुदरा महंगाई 0.71 प्रतिशत दर्ज की गई, जो अक्टूबर में 0.25 प्रतिशत थी। वहीं मार्च 2026 तक खुदरा महंगाई के 2.7 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

पूरे साल में औसत महंगाई 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य पदार्थों में आधार प्रभाव कमजोर पड़ने के चलते वित्त वर्ष 2025-26 में औसत खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.5 प्रतिशत हो सकती है। एजेंसी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से ईंधन महंगाई नियंत्रण में रहेगी, जबकि जीएसटी दरों में कटौती से समग्र महंगाई पर लगाम लगेगी।

क्रिसिल ने यह भी कहा कि खुदरा महंगाई बढ़ने से उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति प्रभावित होती है, जिससे रोजमर्रा के सामान महंगे हो जाते हैं। हालांकि, नवंबर महीने में खाद्य महंगाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन गिरावट की रफ्तार पहले की तुलना में धीमी रही है।