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GST Compensation : 2828 करोड़ के लिए सीएम का सीतारमण को पत्र, बाले- राज्य कर्ज लेंगे तो…

CM Bhupesh wrote a letter to Finance Minister Sitharaman to reduce the cess on petrol and diesel

CM Letter

रायपुर/नवप्रदेश। जीएसटी क्षतिपूर्ति (gst compensation of states) की राशि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel letter to union minister nirmala sitharaman) ने को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel letter to union minister nirmala sitharaman )ने इस पत्र में सुझाव दिया है कि जीएसटी क्षतिपूृर्ति (gst compensation of states) की राशि के लिए राज्यों द्वारा ऋण न लिया जाए और केंद्र सरकार ही अपने संसाधनों/ ऋण के जरिए इसकी व्यवस्था करे।

केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण से इस सुझाव पर गंभीरता से विचार कर कार्रवाई करने का मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया कि वित्त वर्ष 2020-21 की जीएसटी क्षतिपूर्ति (gst compensation of states) अभी तक राज्यों को प्राप्त नहीं हो सकी है, और इस विषय में उनके (सीतारमण) के विभाग द्वारा दिनांक 29-8-2020 को राज्यों द्वारा इस हेतु ऋण लेने का विकल्प भेजा गया है।

चार माह बीत गए पर नहीं मिले 2828 करोड़ रुपए

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि- यद्यपि जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रत्येक 2 माह में दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के चार माह बीत जाने के पश्चात भी इस अवधि की क्षतिपूर्ति राशि 2828 करोड़ रुपए राज्य सरकार को भाारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। भारत सरकार की ओर से चालू वित्त वर्ष के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी हेतु राज्य शासन द्वारा ऋण लिए जाने के विकल्प भेजे गए हैं।

बताया, क्या होगा यदि राज्य लेंगे कर्ज

मुख्यमंत्री बघेल ने आगे लिखा- आप अवगत है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि देना केंद्र सरकार का उत्तरदायित्व है। राज्यों द्वारा इस हेतु ऋण लेने से जहां ऋण भार राज्यों पर आएगा, वहीं इसका भुगतान केंद्र सरकार द्वारा संभावित होने से राशि के भुगतान की अनिश्चितता बनी रहेगी।

जीएसटी क्षतिपूर्ति हेतु सेस केंद्र शासन द्वारा प्राप्त किए जाने तथा इससे राज्य शासन द्वारा लिए गए ऋण भुगतान करना एक जटिल व अनिश्चित प्रक्रिया रहेगी। बघेल ने कहा- ‘अत: मेरा मत है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति हेतु राज्यों द्वारा ऋण न लिया जाए और इस हेतु आवश्यक राशि की व्यवस्था केंद्र शासन द्वारा अपने संसाधनों/ऋण के जरिए ही किया जाए।’

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