रायपुर व गरियाबंद पुलिस ने भी दिखाई तत्परता
मानसिक रूप से अक्षम युवती 6 माह बाद मिल पाई परिजन से
मुंबई/नवप्रदेश। गवर्नमेंट रेलेवे पुलिस (grp) मुंबई (mumbai) ने रायपुर की एक युवती (raipur girl) को उसके माता-पिता से छह माह बाद दोबारा मिला दिया (make her meet mother and father)। इसमें रायपुर व गरियाबंद पुलिस का भी अहम योगदान रहा। इनकी तत्परता से ही युवती अपने परिजन से मिल पाई। युवती का नाम प्रिती सोनी (26) है और वह मानसिक रूप से अक्षम है।
वह रायपुर के गोबरा नवापारा पुलिस थानांतर्गत घोटियापारा में अपने मजदूर माता-पिता के साथ रहती है। वह मई माह में किसी को बिना बताए घर से निकल गई थी। 31 अक्टूबर को वह मुंबई में रेलवे ट्रैक के किनारे बेहोश अवस्था में पड़ी मिली। इसकी जानकारी मिलते ही जीआरपी मुंबई ने प्रिती को मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती कराया।
प्रिती के होश में आने के बाद जीआरपी (grp) मुंबई (mumbai) को यह पता चल सका कि वह छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। जिसके बाद जीआरपी ने छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क करना शुरू कर दिया। इस मामले में गोबरा नवापारा पुलिस थाने के प्रभारी राकेश ठाकुर ने नवप्रदेश को बताया कि 5 नवंबर को मुंबई जीआरपी की ओर से थाने में फोन किया गया और प्रिती केे बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद प्रिती के माता-पिता (mother and father) को थाने में बुलाया गया।
दो हवालदारों के साथ माता-पिता को भेजा मुंबई
गोबरा नवापारा के पुलिस इंस्पेक्टर ठाकुर ने बताया कि थाने के दो हवालदारों को प्रिती के पिता तुलाराम सोनी व मां कौशल्या सोनी के साथ 6 नवंबर को मुंबई के लिए रवाना किया गया। 7 नवंबर को ये सब मुंबई पहुंचे। वहां औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 8 नवंबर को रायपुर प्रिती को लेकर रायपुर आए। ठाकुर ने बताया कि प्रिती की मां ने 15 मई को गोबरा नवापारा थाने में उसके 9 मई से गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जीआरपी ने ऐसे निभाया बड़ा रोल
बकौल राकेश ठाकुर जीआरपी ने उन्हें बताया कि जब उन्हें प्रिती मिली तो वह बेहोश थी। मानसिक रूप से अक्षम होने के कारण जब वह होश में आई भी तो अपना पता ठीक ढंग से नहीं बता पा रही थी। कई कोशिशों के बाद वह सिर्फ ‘राजिम नवापारा’ व ‘प्रिती’ शब्द ही बोल पाई।
इंटरनेट पर सर्च किया राजिम
जिसके बाद जीआरपी ने इंटरनेट पर राजिम सर्च किया। पता चला कि यह स्थान छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिलेे में है। इसके बाद जीआरपी ने राजिम के पुलिस थाने में फोन लगाया और पूछा कि वहां किसी लड़की के गुम होने की रिपोर्ट तो दर्ज नहीं है। राजिम थाने के रिकॉर्ड में तो ऐसी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं थी, लेकिन यहां कि पुलिस ने आजबाजू के थानों में पता लगाया।
आखिर में पता चला कि रायपुर के गोबरा नवापारा पुलिस थाने में प्रिती सोनी नाम की लड़की के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज है। और यहीं से जीआरपी को सफलता मिलनी शुरू हुई। और युवती (raipur girl) को उसके माता-पिता से छह माह बाद दोबारा मिला दिया (make her meet mother and father)।