रायपुर, नवप्रदेश। राज्यपाल अनुसुईया उइके आज द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन अभ्युदय में शामिल हुई। राज्यपाल उइके सह अथितियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर रीजनल कॉउंसिल ने राज्यपाल उइके को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित किसी कार्यक्रम में शामिल हुई हूं, यह मेरे लिए एक नया अनुभव है। उन्होंने सीए के बारे में बात करते हुए कहा कि यह कठिन परीक्षा होती है और लंबे प्रशिक्षण उपरांत आप सीए बन पाते है।
आप सभी अंकेक्षण और लेखांकन से जुड़ा विशिष्ट कार्य कर रहे है। राज्यपाल उइके ने वित्तीय अनुशासन और साक्षरता के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपने सम्मेलन में जिन विषयों को शामिल किया है वह वर्तमान में प्रासंगिक हैं और लोगों को इसकी जानकारी होनी चाहिए।
राज्यपाल ने निवेश से जुड़ा एक सुझाव देते हुए कहा कि लोग बहुत जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन मेरा व्यक्तिगत मानना है कि निवेश लंबे समय तक और धैर्य के साथ करना चाहिए। इससे आपको वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि सीए के प्रतिनिधिमंडलों ने समय-समय पर मुझसे मिलकर विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी है, मैं इन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास करूंगी। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि वर्तमान में वित्तीय समावेशन बढ़ा है और बैंकिंग प्रणाली से जुड़ने से राशि सीधे हितग्राही के खाते में जा रही है।
ऐसे में सायबर सुरक्षा को एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है और आपने इससे जुड़ा एक सत्र रखा है, जो ऐसी चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगा और लोग जागरूक होगें।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो से कहा कि आप सभी को वित्तीय साक्षरता और वित्तीय अनुशासन के पालन के लिए अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होने कहा कि अपनी आय के अनुरूप हम सभी समय पर आयकर जमा करें। आप सभी जानते है कि शासन आपसे प्राप्त कर की राशि से ही देश में विकास कार्य करती है।
राज्यपाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि आप सभी कार्यक्षेत्र संबंधी ज्ञान से स्वयं को निरंतर अपडेट रखें, जिससे विश्व की मांगों के अनुरूप, आप कदम से कदम मिलाकर चल सकें। आप सब में इतनी योग्यता है कि आप अपने ज्ञान एवं कौशल से, बाजार की मांगों में होने वाले परिवर्तन एवं चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
इस अवसर पर द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री देबाशीष मित्रा, सहित सीए अभय कुमार छाजड़, ज्ञानचंद मिश्रा, अमिताभ चौबे, किशोर बडडिया, प्रदीप पाल तथा अमित चिमनानी उपस्थित थे।