रायपुर/नवप्रदेश। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश संगठन सचिव (संगठन विस्तार) गोपाल साहू (Gopal Sahu) ने खाद संकट को लेकर प्रदेश सरकार पर किसानों से दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
आप ने कहा खरीफ की फसलों की खेती के लिए एक बार फिर खाद (Gopal Sahu) का संकट गहरा गया है। प्रदेश के अन्नदाता मुश्किल में हैं। आज स्थिति यह है कि पर्याप्त खाद की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
सहकारी समितियों से किसान बैरंग लौट रहे हैं। प्रदेश में अब तक केवल 32 फीसदी उर्वरक का वितरण ही हो पाया है और कई समितियों में यह स्टॉंक खत्म भी हो गया है। कुछ सहकारी (Gopal Sahu) समितियां तो ऐसी जहां पोटाश की कमी है।
इससे किसानों को बैरेंग लौटना पड़ रहा है जबकि इस बार फसल बोआई के लक्ष्य में 55 हजार हेक्टेयर की वृद्धि की गई है। कृषि विभाग के आंकड़ों की मुताबिक इस खरीफ सीजन में 13.70 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन खाद की आवक नहीं होने के कारण 6.45 लाख मीट्रिक टन ही भण्डारण हो सका है।
इनमें से अब तक 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक का ही वितरण किया गया है। खरीफ सीजन 2021-22 में जिन पंजीकृत किसानों ने समिति से ऋण के रूप में यूरिया खाद का परमिट कटाया था जिसका पैसा धान बेचने के बाद लिंकिंग से काट लिया गया है। उन किसानों को भी यूरिया खाद अब तक नहीं मिल पा रहा है।
आप ने कहा कि प्रदेश सरकार का कहना है कि डीएपी और सुपर फॉस्पेट का पर्याप्त भंडारण है। वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे बयान देते हैं कि प्रदेश में खाद का संकट रूस यूके्रन युद्ध की वजह से है।