Golden Book Of World Records : अद्वितीय स्मरण शक्ति का उदाहरण पेश करते हुए 13 वर्षीय जैन मुनि विजयचंद्र सागर महाराज ने रविवार को 100 सवालों को क्रमवार, उल्टे क्रम और रैंडम क्रम में मात्र 12 मिनट 7 सेकंड में दोहराकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा लिया।
ये सभी सवाल धर्म, भूगोल, इतिहास, गणित और सामान्य ज्ञान से जुड़े थे, जिन्हें पूछने में श्रद्धालुओं को 2 घंटे 7 मिनट लगे। कार्यक्रम इंदौर के रेसकोर्स स्थित अभय प्रशाल स्टेडियम में आयोजित हुआ, जहां गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के सदस्य मौजूद रहे। आयोजन के अंत में उन्हें “गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” और “बाल शतावधानी” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में खास बात यह रही कि स्थल को आठ हिस्सों में बांटा गया था और सभी आगंतुकों को नोटबुक व पेन दी गईं, ताकि वे खुद सवाल लिखकर उत्तर का मिलान(Golden Book Of World Records) कर सकें। बाल मुनि की अद्भुत स्मरण शक्ति देख हॉल तालियों से गूंज उठा।
बाल मुनि का जीवन परिचय
कोटा में जन्मे विजयचंद्र सागर ने बोलना सीखते ही पहला शब्द “दीक्षा” कहा था। मात्र आठ वर्ष की उम्र में गुरु का हाथ थामकर मैसूर में शिक्षा ग्रहण की और 10 वर्ष की आयु में दीक्षा ले ली। उनके गुरु आचार्य नयचंद्र सागर सूरि और गणिवर्य डॉ. अजितचंद्र सागर भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।