पणजी। goa election 2022: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय देश में माहौल गर्म है। चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। यह कुछ जगहों पर सफलता तो दूसरे राज्यों में नुकसान दिखा रहा है। बीजेपी ऐसी पारी को उलट-पुलट होते देख रही है। जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में खेला जाने वाला हिंदू कार्ड छोटे से राज्य गोवा में फेल हो गया है।
भाजपा (goa election 2022) कार्यकर्ता मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से नाराज हैं कि उन्होंने कहा कि पुराने मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। उनकी नाराजगी का एहसास होने के बाद मुख्यमंत्री ने भी दोबारा हिंदू कार्ड खेलने की कोशिश नहीं की। हालांकि वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से बीजेपी कमजोर है और कांग्रेस मजबूत होते दिख रही है।
गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। बीजेपी ने 40 में से करीब 20 सीटों पर कांग्रेस से भाजपा में आए उम्मीदवार को उतारे हैं। नतीजतन, वर्षों से काम कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। अगर हम बीजेपी को बचाना चाहते हैं, तो हम बीजेपी को हराना चाहते हैं, यह नारा जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के बीच भी प्रसिद्ध हो गया है।
गोवा में जाति-धर्म की राजनीति फेल
भारी सत्ता-विरोधी और भ्रष्टाचार के कारण, भाजपा ने मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए और कांग्रेस में उम्मीदवार खड़े किए। हालांकि, इस हेरफेर की राजनीति को सामान्य तौर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती नहीं दिख रही है। अजब गोवा की गजब पॉलिटिक्स पुस्तक के लेखक संदेश प्रभुदेसाई कहते हैं कि गोवा में जाति-धर्म की राजनीति कभी नहीं हुई।
बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर ने भी यही कोशिश की थी। हालांकि, वे सफल नहीं हुए। उन्होंने तब जीत हासिल की जब उन्होंने विकास पर चर्चा की। वास्तव में, गोवा में 12 जिले हैं। इनमें से 4 तटीय क्षेत्रों से आते हैं, जहां की अधिकांश आबादी ईसाई है।
ये तीन बातें कांग्रेस को मजबूत बनाती हैं
सत्ता विरोधी लहर, जातिगत राजनीति और अन्य पार्टियों के लोगों को टिकट देने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। वहीं कांग्रेस ने इस बार ठगों को टिकट नहीं दिया है और उनकी छवि पहले ही ठीक कर दी गई है। चर्च से संबद्ध समिति ने भी भाजपा को वोट न देने की अपील करते हुए कहा कि उनका वोट कांग्रेस को जाएगा।
इन तमाम वजहों से कांग्रेस जमीन पर मजबूत दिख रही है। वरिष्ठ पत्रकार किशोर नाइक गावकर का कहना है कि बीजेपी हिंदू वोटों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिलेगी क्योंकि गोवा में जाति-धर्म के नाम पर वोटिंग नहीं होती है।