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Global Summit : ग्लोबल समिट खोलेगी लाखों नौकरियों का रास्ता

Global Summit

प्रेम शर्मा। Global Summit : राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है। भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्ज्वल भविष्य में दुनिया के उज्ज्वल भविष्य की गांरटी पड़ी है। नए भारत के लिए उत्तर प्रदेश आशा का केंद्र बन गया है। बीते कुछ वर्षों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्तर प्रदेश की जो पहल हैए उसके परिणाम नजर आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है।

बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं।डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र से जुड़ रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र के पोर्ट से कनेक्ट होता जा रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर सभी की निगाह टिकीं हुई हैं। इससे प्रदेश की छवि और आर्थिक गतिविधि में और भी तेजी देखने को मिलेगी। समिट के तीन दिन प्रदेश के विकास का एक नया अध्याय रचने जा रहे हैं। इसी के चलते इसकी थीम भारत का ग्रोथ इंजन रखी गई है। समापन अवसर में महामहिम राष्ट्रपति दोपद्री मुर्म के विचार भी प्रधानमंत्री से कुछ मिलते जुलते रहे साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत के तरक्की के रास्तें में उत्तर प्रदेश मील का पत्थर साबित होगा।

यूपीजीआईएस में देश.दुनिया की दिग्गज कॉर्पोरेट हस्तियां उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में साझीदार बना। समिट के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश, जीआईएस में तीन दिनों में 34 सत्र में निवेशक सम्मेलन के दौरान विदेश की 304 कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए े।इनमें यूएसए यूएईए फ्रांसए दक्षिण अफ्रीकाए जर्मनीए बेल्जियमए दक्षिण कोरियाए कनाडाए नीदरलैंडए स्वीडनए मॉरीशसए ब्राजीलए मैक्सिकोए इजरायल व ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां शामिल हैं। इससे यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। समिट में 41 देशों से 400 से अधिक प्रतिभागी शामिल रहे। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे.निवेशक इस आयोजन का हिस्सा बनें। विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ निवेश का। उम्मीद की जा सकती है कि इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश में समृद्धि बढ़ेगी।

यूपी में विकास को नई उड़ान मिलेगी। आने वाले समय में यूपी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंटए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव दिखाई देंगे। 30 लाख करोड़ के भारी निवेश विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम तीस लाख प्रतिभावान युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। हालांकि रोजगार के आकड़ों को भारी भरकम कहा जा रहा है लेकिन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा को देखा जाए तो उसके मुताबिक यूपी को तीन लाख नई बसे देगें। इस पर औसतन एक बस पर दो लोगो को रोजगार का अवसर मिलना देखे तो छह लाख लोगों को केवल नितिन गडकरी की घोषणा के अनुसार रोजगार के अवसर मिलेगें। वास्तव में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश को नए भारत का ग्रोथ इंजन बनाने की कड़ी में राजधानी लखनऊ में आयोजित निवेशकों के तीन दिवसीय महाकुंभ में नया इतिहास लिखा जा चुका है।

यूपीजीआइएस-23 के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बन युवाओं के सपनों को भी साकार करेगा। रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करती नजर आई। देश-दुनिया के निवेशकों से मिले उत्साहजनक निवेश प्रस्तावों के दृष्टिगत सरकार को अपना लक्ष्य बढ़ाना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि यूपीजीआइएस के माध्यम से प्राप्त होने वाला निवेश उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के आंकड़े को पार करेगा। चालू वित्तीय वर्ष में यूपी का जीएसडीपी 20.48 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।

अब निवेश का आंकड़ा 30 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। इसमें करीब एक चैथाई हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की होगी।अब तक हुए निवेश करार और निवेश सहमति रोजगार के सुखद आंकड़ों की तस्वीर पेश कर रही है। यदि मौजूदा निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरते हैं तो इससे प्रदेश में दो करोड़ से अधिक अधिक रोजगार सृजित होंगे। पचास करोड़ तक निवेश करने वाली छोटी इकाइयों से 1.37 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का अनुमान लगाया गया है। जबकि 50-200 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 20.07 लाख रोजगार देंगी।

200-500 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों से 4.27 लाख से अधिक रोजगार सृजन की संभावना आंकी गई है। वहीं 500-3000 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 18.56 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देंगी। 3000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव देने वाली मेगा कंपनियों ने 15.48 लाख रोजगार देने की सहमति अपने निवेश प्रस्तावों में दी है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश को 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। इतनी बड़ी राशि का निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के साथ शेष देश का भी ध्यान खींचने वाला हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करनी होगी कि वह निवेश के अनुकूल वातावरण का निर्माण करने और निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही।

ऐसी स्थिति तभी बनती है, जब जमीनी स्तर पर व्यापक बदलाव किए जाते हैं और उनके माध्यम से कारोबारियों को यह भरोसा दिलाया जाता है कि उनका निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि उनके पास आगे बढऩे के भी पर्याप्त अवसर हैं। इसमें संदेह नहीं कि पिछले करीब छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदला है। इस बदलाव के कारण ही प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल के जिलों को भी उल्लेखनीय निवेश प्रस्ताव मिले हैं। प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए यह आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य है कि उसके सभी क्षेत्रों और विशेष रूप से पिछड़े समझे जाने वाले क्षेत्रों में भी उद्योग-धंधे लगें।

ऐसे में सभी राज्य सरकारों को इस चुनौती का भान होना चाहिए कि निवेशकों को आकर्षित करने के बाद की चुनौती उनके निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की होती है और यह चुनौती तब आसान होती है, जब नौकरशाही की कार्यशैली कारोबार हितैषी बनती है। यह न केवल उत्साहजनक है, बल्कि सराहनीय भी कि पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न राज्य निवेशकों को आकर्षित करने के मामले में एक-दूसरे से होड़ ले रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश ने भी निवेशकों का सम्मेलन किया था। इसके पहले राजस्थान ने भी। अच्छी बात यह है कि उद्योग-व्यापार की दृष्टि से पिछड़े माने जाने वाले राज्य भी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने स्तर पर हर संभव जतन कर रहे हैं।

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