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GDP Target Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047…आत्मनिर्भर और विकसित राज्य की नींव रखी गई…मुख्यमंत्री ने जनता को किया समर्पित…

The foundation of a self-reliant and developed state was laid… The Chief Minister dedicated it to the people…

GDP Target Chhattisgarh

रायपुर, 17 जुलाई| GDP Target Chhattisgarh :  छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने “छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047” दस्तावेज को प्रदेश की जनता को समर्पित किया। नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, नीति आयोग भारत सरकार, विषय विशेषज्ञ, जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का एक ठोस संकल्प और स्पष्ट दिशा है। उन्होंने कहा कि यह विज़न प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत@2047 के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को भारत के अग्रणी एवं विकसित राज्य में शामिल करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां सोच बड़ी हो, दिशा स्पष्ट हो और जन-जन की भागीदारी हो, वहाँ विकास तय होता है। आज हम अपने राज्य का विज़न डाक्यूमेंट – छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047 प्रदेशवासियों को समर्पित कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में है जिन्होंने यह विज़न तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं पिछले माह प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में इस विज़न की जानकारी दी, जिसे विशेष रूप से सराहा गया।

उन्होंने कहा कि श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हमारे राज्य की नींव रखी थी, और प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में यह आगे बढ़ा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर, जब हम राज्य की स्थापना के रजत जयंती और अटल निर्माण वर्ष मना रहे हैं, यह विज़न जनता को समर्पित किया जाना अत्यंत सार्थक है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज जनभागीदारी का प्रतीक है, जिसमें प्रदेश के तीन करोड़ लोगों के सपने और संकल्प समाहित (GDP Target Chhattisgarh)हैं। इसे तैयार करने में न केवल विशेषज्ञों और विभागों का सहयोग रहा, बल्कि वर्किंग ग्रुप्स, संभाग स्तरीय जनसंवाद और मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ पोर्टल के माध्यम से जनता के सुझाव भी शामिल किए गए।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि विकसित भारत की भव्य इमारत को ऊर्जावान बनाने में छत्तीसगढ़ पावर हाउस की भूमिका निभाएगा। हमारा स्टील, इस लक्ष्य को फौलादी बनाएगा। उन्होंने बताया कि स्टील उत्पादन को वर्ष 2030 तक 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन किया जाएगा, और यह गर्व का विषय है कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने देश के सबसे ऊंचे ब्रिज में छत्तीसगढ़ के स्टील का उपयोग हुआ (GDP Target Chhattisgarh)है। इसी तरह, कोयला उत्पादन को 207 मिलियन टन से बढ़ाकर 437 मिलियन टन, विद्युत उत्पादन को वर्तमान 30 हजार मेगावाट से देश में शीर्ष स्थान तक पहुँचाया जाएगा। आयरन ओर उत्पादन को 46 से बढ़ाकर 100 मिलियन टन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना है, जहां लिथियम खनिज ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में जब भारत वैश्विक आशाओं का केंद्र बन चुका है, तब छत्तीसगढ़ भी विकसित भारत की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। हम आतंकवाद और नक्सलवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के साथ विकास के नए कीर्तिमान रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊँचा लक्ष्य रखना और मेहनत करना हमने मोदी जी से सीखा है। पहले कहते थे मोदी हैं तो मुमकिन है, अब कहते हैं मोदी हैं तो निश्चित है – 2047 तक का लक्ष्य अब हमारी साझा दिशा है।

मुख्यमंत्री ने मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को संसाधनों के प्रबंधन का सबसे अहम आधार बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 1853 से 2014 तक केवल 1100 रूट किलोमीटर रेलमार्ग बने थे, जिन्हें वर्ष 2030 तक दोगुना किया जाएगा। बोधघाट परियोजना जैसी योजनाओं से सिंचाई और बिजली उत्पादन को नया विस्तार मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह विज़न स्पष्ट कार्ययोजना के साथ तैयार किया गया है, जिसमें 2030 तक अल्पकालिक, 2035 तक मध्यकालिक और वर्ष 2047 तक दीर्घकालिक लक्ष्य रखे गए हैं।

राज्य के 13 प्रमुख क्षेत्रों में 10 मिशनों के माध्यम से संतुलित विकास किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अंजोर विज़न @2047 के माध्यम से राज्य के 13 प्रमुख क्षेत्रों में 10 मिशनों के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को संतुलित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा, इनमें कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, पर्यटन, संस्कृति, लॉजिस्टिक्स और आईटी से लेकर जैविक खेती और शिक्षा तक का समावेश (GDP Target Chhattisgarh)है। रायपुर की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लॉजिस्टिक्स नीति तैयार की गई है जो ई-कॉमर्स को गति देगी।

राज्य की जीडीपी 5 लाख करोड़ रूपए से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ करने का लक्ष्य

उन्होंने बताया कि इस विजन के माध्यम से राज्य की जीडीपी को 5 लाख करोड़ रूपए से वर्ष 2030 तक 11 लाख करोड़ और वर्ष 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपए तक करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कृषि उन्नति मिशन, जैविक खेती, निर्यात आधारित संभावनाएं और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं प्रभावी होंगी। वर्ष 2047 तक किसानों की आय में 10 गुना से अधिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन प्रत्याशा के क्षेत्र में भी ठोस योजनाएँ बनाई गई हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87 प्रतिशत लोग पहले ही कवर हो चुके हैं, लक्ष्य 100 प्रतिशत का है। नवा रायपुर में मेडीसिटी, बस्तर-सरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा राज्य में कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। युक्तियुक्तकरण के बाद अब कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं (GDP Target Chhattisgarh)है। 5 हजार नई शिक्षक भर्ती, 1 हजार पीएम स्कूल, 36 आदर्श कॉलेज और ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना पर काम हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी दर 2.7 प्रतिशत है, जिसे 2047 तक 1 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है। पैन-आईआईटी संस्थानों के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट को नई दिशा दी जा रही है। आईटी सेक्टर में सेमीकंडक्टर प्लांट और एआई डाटा सेंटर पार्क विकसित किए जा रहे हैं। पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक नीतिगत और प्रशासनिक सुधार किए गए हैं और 6.75 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से उद्योगों को एक क्लिक पर मंजूरी

उन्होंने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से उद्योगों को एक क्लिक पर मंजूरी दी जा रही है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर बस्तर और सरगुजा में होम-स्टे व ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में 2 करोड़ पर्यटक राज्य में आते हैं, जिन्हें वर्ष 2047 तक 10 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।

44 प्रतिशत वन क्षेत्र देश के ऑक्सीजन हब बनेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से आधार, राशन कार्ड, बैंकिंग जैसी सेवाएं गाँवों तक पहुँचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण-अनुकूल विकास ही टिकाऊ है और प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन’ लक्ष्य को प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभाएगा। राज्य के 44 प्रतिशत वन क्षेत्र देश के लिए ऑक्सीजन हब बनेंगे। बस्तर के कलागुड़ा में प्लास्टिक कचरे से बनाई गई सड़क जैसे नवाचार सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने खनन को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि राज्य में पिछले 45 वर्षों में केवल 28,700 हेक्टेयर वनभूमि एफसीए के तहत परिवर्तित हुई (GDP Target Chhattisgarh)है, और इसमें भी वास्तविक कटाई केवल   0.11 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है। वहीं, पिछले वर्षों में 68,300 हेक्टेयर वन क्षेत्र की वृद्धि दर्ज की गई है। खनन से राज्य की जीडीपी का 9.38 प्रतिशत हिस्सा आता है और 2 लाख प्रत्यक्ष व 20 लाख परोक्ष रोजगार सृजित होते हैं।

मुख्यमंत्री ने सीएसआर और डीएमएफ के जरिए हुए विकास कार्यों को ‘नया उजाला’ बताया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि नागरिक सहभागिता पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है ताकि योजनाओं में जनता की भागीदारी बढ़े।

जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता

मुख्यमंत्री ने राज्य नीति आयोग और अधिकारियों को इस ऐतिहासिक विज़न डाक्यूमेंट को तैयार करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे इस विज़न को साझा सपना मानकर सहभागी बनें और वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार करें।

अल्पकालिक से दीर्घकालिक लक्ष्य तक, आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की स्पष्ट कार्ययोजना तैयार: वित्त एवं योजना मंत्री ओपी चौधरी

विज़न दस्तावेज़ की संरचना और उसकी रणनीतिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के वित्त एवं योजना मंत्री  ओ.पी. चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न @2047 राज्य के नागरिकों की सुख-सुविधा, समावेशी आर्थिक विकास, सुशासन और निवेश प्रोत्साहन जैसे क्षेत्रों में एक बहुआयामी रणनीति प्रस्तुत करता (GDP Target Chhattisgarh)है। उन्होंने बताया कि इस दस्तावेज़ में अल्पकालिक (2030 तक), मध्यकालिक (2035 तक) और दीर्घकालिक (2047 तक) लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जो राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा को सुनिश्चित करते हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह दृष्टिपत्र 13 प्रमुख सामाजिक-आर्थिक थीम्स पर केंद्रित है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, अधोसंरचना, लॉजिस्टिक्स, कृषि, वनोपज, निवेश, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यटन, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी विषयों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन, मूल्यांकन और अनुश्रवण के लिए रणनीति, मापनीय इण्डिकेटर्स और 200 से अधिक नीतिगत, संस्थागत और अधोसंरचना संबंधी पहलें प्रस्तावित की गई हैं।

उन्होंने बताया कि अंजोर विज़न के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था के आकार को आगामी पाँच वर्षों में दोगुना करने और वर्ष 2047 तक जीडीपी में 15 गुना तथा प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को उद्योग, सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अधोसंरचना में निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें 5,000 से अधिक स्मार्ट विलेज और 10 से अधिक स्मार्ट सिटीज़ के निर्माण का खाका तय किया गया है, साथ ही छत्तीसगढ़ को देश का एक अग्रणी आईटी हब बनाया जाएगा।

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सेवा क्षेत्र में नवाचार और अवसरों को प्रोत्साहन देना, पर्यटन और आईटी सेक्टर में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान करना, तथा राज्य की अनुकूल भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूती देना, विज़न की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। इन प्रयासों से राज्य में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और आर्थिक संरचना में व्यापक परिवर्तन आएगा।

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इस विज़न डाक्यूमेंट का निर्माण राज्य नीति आयोग द्वारा विभागों के सहयोग और व्यापक जनभागीदारी से किया गया (GDP Target Chhattisgarh)है। युवाओं, महिलाओं, कृषकों और विभिन्न हितधारकों से संवाद के माध्यम से इस दस्तावेज़ में उनकी आकांक्षाओं को समाहित किया गया है। देश की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी यथोचित सम्मान देते हुए यह दस्तावेज़ तैयार किया गया है।

वित्त मंत्री ने अंत में यह विश्वास व्यक्त किया कि यह विज़न दस्तावेज़ केवल दिशादर्शक ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य में रूपांतरित करने की एक ठोस रणनीतिक रूपरेखा भी है, जिसमें हर नागरिक की भूमिका अहम होगी और जिसका मूल्यांकन निरंतर प्रगति सूचकों के माध्यम से किया जा सकेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने की। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा, मंत्री सर्व  रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, श्याम बिहारी जायसवाल, मती लक्ष्मी राजवाड़े, सासंद  बृजमोहन अग्रवाल, नीति आयोग के सीईओ  बी.वी आर. सुब्रह्मण्यम, मुख्य सचिव एवं राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष  अमिताभ जैन विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अलावा कार्यक्रम में राज्य के पद्म पुरस्कार से सम्मानित अतिथिगण, विधायक गण, जनप्रतिनिधि गण, निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्षगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव  मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव  पी दयानंद,  राहुल भगत, राज्य नीति आयोग के सदस्य  के सुब्रह्मण्यम, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव  अंकित आनंद सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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