रायपुर, नवप्रदेश। गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वन्दनीया माताजी की जन्मशताब्दी वर्ष २०२६ तक छत्तीसगढ़ प्रदेश को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में अखिल विश्व गायत्री परिवार एक विशेष अभियान में जुटा है।
इसके तहत आधी आबादी यानि नारियों को विकसित, प्रशिक्षित, स्वावलंबी बनाने की दिशा में चल रहे अभियान को गति प्रदान की जा रही है। इसके लिए गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार में पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हो रहा है।
इसमें भाग लेने छत्तीसगढ़ से गायत्री परिवार के तहसील, जिला एवं प्रांतीय समन्वयक सहित सक्रिय कार्यकत्ताओं की करीब पांच सौ से अधिक परिजन हरिद्वार में है।
इस शिविर केदेवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ
डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि इस समय चहुंओर समस्याओं का अंबार सा दिखाई पड़ता है। इन समस्याओं की जड़ यानि लोगों की मानसिकता और उनके अंतःकरण को शुद्ध करने के लिए विधेयात्मकता की बीज बोनी है, जिससे वर्षों से बैठी नकारात्मकता, मूढ़वादिता जैसे अनेक कुविचारों को बदलकर उसमें सकारात्मक बदलाव लाया जा सके,
जिससे व्यक्ति, परिवार और समाज में खुशियाँ, आत्मीयता, पारिवारिकता जैसे सद्गुणों की खेती हों। उन्होंने कहा कि जिस तरह मंदिर के गर्भगृह में भगवान का निवास होता है, उसी तरह हर जाग्रत आत्मा के हृदय में भी एक गर्भगृह है,
जो पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करता है और इन्हीं सत्प्रेरणाओं से मानवों में देवत्व का उदय संभव है और यही शांतिकुंज जैसे आध्यात्मिक संगठन बनाने का संस्थापकद्वय पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा जी का मूल उद्देश्य है।
शांतिकुंज की गायत्री विद्यापीठ प्रबंध समिति की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने कहा कि जागृत, प्रशिक्षित नारी ही परिवार और समाज में सुसंस्कारिता, पवित्रता और संवेदना की गंगोत्री का प्रवाह पैदा कर सकती हैं।
इससे जहाँ एक ओर नारियाँ स्वावलंबी बनेंगी, वहीं दूसरी ओर अपनी आवाज उठाने में सक्षम हो पायेंगी। उन्होंने कहा कि युगऋषि पूज्य आचार्य श्री ने देश भर में नारी जागरण अभियान को गति देने के लिए बहिनों के साथ साथ भाइयों को भी तैयार किया।
गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा जी ने नारी जागरण को गति प्रदान करते हुए नारियों को प्रशिक्षित करने के विविध आयोजनों की नींव रखीं। उस नींव पर संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी के नेतृत्व में बनी भव्य इमारत के रूप में सशक्त बहिनों की टीम को देखा जा सकता है।
शांतिकुंज में छत्तीसगढ़ जोन के समन्वयक सुखदेव निर्मलकर ने बताया कि गायत्री परिवार की संस्थापिका माताजी की जन्मशताब्दी वर्ष २०२६ तक छत्तीसगढ़ को आदर्श राज्य की बनाने योजना बनाई गयी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के प्रत्येक तहसील, जिला स्तर के कार्यकर्ताओं को तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय इस शिविर में कुल १४ सत्र होंगे, जिसमें अनेक विषय विशेषज्ञ छत्तीसगढ़ को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। इस अवसर पर बिलासपुर के डॉ. हेमन्त कौशिक, धनसाय बैगा, रायपुर के कौशल साहू, महासमुन्द के बोधीराम साहू, सुकमा दंतेवाडा के प्रमोद अटामी सहित के छग के सभी जिलों के पाँच से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।