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BREAKING : गायत्री मंत्र के जाप से ठीक होगा कोरोना ? एम्स में ऐसे हो रहा अध्ययन, 10-10…

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Gayatri Mantra use against corona : केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ओर से ये आदेश दिए गए है : मीडिया रिपोर्ट


नई दिल्ली। Gayatri Mantra use against corona : कोरोना महामारी से निपटने का हर देश मार्ग खोज रहा है। वैज्ञानिक उपायों की बात करें तो अब तक कई वैक्सीन बन चुकी हैं, लेकिन इनका असर भी नाकाफी साबित हो रहा है। लिहाजा अब नई वैक्सीन बनाने पर भी शोध कार्य शुरू हो चुका है।

इस बीच अब विशेषज्ञों की नजर भारत के प्राचीन योगशास्त्र पर जा टिकी है। पता लगाया जा रहा है कि क्या योगशास्त्र का इस्तेमाल कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में काम आ सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ओर से ये आदेश दिए गए है कि क्या आधुनिक विज्ञान का उपचार लेते हुए गायत्री (gayatri mantra use against corona) मंत्र का उच्चारण व जप करने तथा प्राणायाम करने कोविड 19 की बीमारी से ठीक होने में मदद मिल सकती है क्या, इस पर अध्ययन किया जाए ?

ऋषिकेश एम्स में ऐसे हो रहा अध्ययन :

आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्रम में ऋषिकेश एम्स के विशेषज्ञों ने कोविड 19 का उपचार ले रहे 20 मरीजों का इस अध्ययन के लिए चयन किया है। इन लोगों को 10-10 के दो समूह में बांटा गया है। एक समूह को कोविड के सभी आधुनिक उपचार दिए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें गायत्री मंत्र का जप व सुबह शाम प्राणायाम करने को कहा जा रहा है।

दूसरे समूह के मरीजों को सिर्फ आधुनिक उपचार दिया जा रहा है। यह प्रयोग 10 दिन किया जाना है। इसके बाद पहले व दूसरे समूह के मरीजों के स्वास्थ्य का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि क्या गायत्री मंत्र का जाप व प्राणायम कोविड रोकने में मदद करता है क्या। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रयोग पर काम करने वाले अधिकारी ने अधिक विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया है।

‘सूर्यग्रहण के बाद की घटना से निर्मित हुआ होगा वायरसÓ

चेन्नई के न्यूक्लियर व अर्थ साइंटिस्ट डॉ. केएल सुंदर कृष्णा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि कोरोना विषाणु सूर्यग्रहण के समय घटित हुए फ्यूजन से निर्मित हुए पहले न्यूट्रॉन से निर्मित हुआ होगा। और इसीलिए महामारी फैली । उनके अनुसार 26 दिसंबर 2020 को हुए सूर्यग्रहण के बाद प्लेनेटरी कान्फिगरेशन विद न्यू अलाइनमेंट इन द सोलर सिस्टमÓ की घटना घटित होने से कोरोना विषाणु का पुन: सक्रिय हुआ होगा।

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