तार। Gautam Gambhir: एशिया कप फाइनल में भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत हुई। भारत ने श्रीलंका को 50 रन पर आउट कर दिया और फिर 6 ओवर में मैच जीत लिया। भारत में वनडे विश्व कप की पृष्ठभूमि में यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है। इससे पहले 2011 में वनडे वल्र्ड कप भारत में हुआ था, जिसमें भारत ने फाइनल मैच जीता था।
इस मैच में गौतम गंभीर (97) और महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 91) दोनों हीरो रहे। लेकिन संन्यास के बाद गंभीर लगातार धोनी की आलोचना करते नजर आए। इसी बीच गंभीर ने धोनी को लेकर एक नया बयान दिया है।
महेंद्र सिंह धोनी शुरू से ही ऐसे विकेटकीपर थे जो अपनी बल्लेबाजी से मैच का रुख बदलने में सक्षम थे। धोनी से पहले के विकेटकीपर कीपिंग के लिए जाने जाते थे और बल्लेबाजी भी कर सकते थे। लेकिन धोनी मूल रूप से एक बल्लेबाज थे जो कीपिंग में भी अच्छे थे।
ऐसे में धोनी जैसे खिलाड़ी का टीम में होना भारतीय क्रिकेट के लिए वरदान है। धोनी के रूप में भारत को एक ऐसा खिलाड़ी मिला जो सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करके आपको मैच जिता सकता है, क्योंकि उनमें वह ताकत थी।
अगर धोनी तीसरे नंबर पर आकर बल्लेबाजी करते तो निश्चित रूप से वनडे क्रिकेट में कई रिकॉर्ड तोड़ देते। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक धोनी की कप्तानी की तारीफ करते हैं, यह सच है। लेकिन मुझे लगता है कि धोनी ने अपनी कप्तानी के लिए अपने बल्लेबाज का बलिदान दिया।
उन्होंने बल्लेबाजी की। वह कई और रिकॉर्ड तोड़ सकता था, जो उसने नहीं तोड़ा। ऐसा तब होता है जब आप किसी टीम के कप्तान होते हैं। क्योंकि तभी आप खुद से पहले टीम के बारे में सोचते हैं और उसी तरह निर्णय लेते हैं।