देश में उच्च क्वालिटी के हीरा खदानों में से एक है पायलीखण्ड एवं बेहराडीह
- इसका लाभ क्षेत्र को नहीं मिल रहा है, सुरक्षा का कोई इंतेजाम नहीं
- जो आ रहा वही जंगल में बिखरे हीरा भंडार से लाभ उठा रहे हैं
- तस्करों ने जगह-जगह से खोदकर जंगल को छलनी कर डाला
- छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार बनने के बाद क्षेत्र के लोगों को उम्मीदें
जीवन एस साहू
गरियाबंद/नवप्रदेश। Chhattisgarh Gariaband diamond mine Paylikhand Behradih smuggling no security: छत्तीसगढ़ में देश की उच्च क्वालिटी का सबसे बड़ा हीरा खदान है, पर सरकार इतना दिलदार है कि जो आए वही जंगल को छलनी कर कीमती हीरा निकाल ले जा रहे हैं। इधर गरियाबंद क्षेत्र के वासी इस खदान के शुरू होने की राह ताक रहे हैं जिससे क्षेत्र का विकास हो, युवाओं को रोजगार का अवसर मिले, पर देखा गया कि प्रदेश के इस बेशकीमती खदान को यूं ही छोड़ दिया गया है।
शासन-प्रशासन की ऐसी लापरवाही कि सुरक्षा के लिए एक चौकीदार भी नहीं है। सालों पहले की गई जांच में पाया गया था कि यहां बहुमूल्य एलेक्जेंडर जंगल के बीच बिखरे पड़े हैं। इसलिए यहां सुरक्षा के अभाव में तस्कर बेहद सक्रिय हैं। हीरा पाने के लालच में अवैध उत्खनन कर कुंआ जैसे सुरंग बड़े-बड़े गड्ढे दूर-दूर तक दिखाई पड़ते हैं।
बता दें कि सालों पहले हीरा खदान की सुरक्षा के लिए चारों तरफ से सुरक्षा घेरा लोहे के तार और एंगल लगाये गये थे। खदान के सामने बड़ा सा मुख्य दरवाजा लोहे का लगाया गया था, पर हीरा तस्करों ने चारों तरफ लगाये गये सुरक्षा बाड़ तारघेरा और मुख्य गेट तक गायब कर दिए हैं। हीरा खदान जाने वाले मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों के साथ पेड़ गिरा दिए गए हैं ताकि प्र्रशासनिक अमला पहुंच न सके।
मामले पर पिछले 10 साल का पुलिस थाने में रिकॉर्ड देखें तो (Chhattisgarh Gariaband diamond mine Paylikhand Behradih smuggling no security) अवैध हीरा तस्करी करने वालों की सूची में सैकड़ों लोगों के नाम अंकित हैं। हीरा तस्करों को गरियाबंद और सीमावर्ती धमतरी, महासमुंद की पुलिस ने गिरफ्तार कर उनसे हजारों नग कीमती हीरा पत्थर जप्त कर जेल के सलाखों के पीछे भेजा गया है, जिसकी अनुमानित कीमत 8 से 10 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है।
सरकार करे दोहन तो जिले का होगा बड़े स्तर पर विकास
ऐसे में साफ तौर पर साबित हो गया है कि छत्तीसगढ़ का बेशकीमती क्षेत्र गरियाबंद की जनता हीरा खदान का शासकीय तौर पर दोहन चाहते हैं। क्षेत्र के लोगों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से काफी उम्मीद बंधी है कि जल्द हीरा खदान मामले पर सरकार कोई बड़ा फैसला कर सकती है। सरकार के माध्यम से अगर खदान शुरू कर दिया जाता है तो क्षेत्र का बड़े स्तर पर विकास होगा, युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही जिले को और भी अन्य अवसर मिलेंगे।
खदान का पता लगते ही सुरक्षा के बड़े इंतेजाम किए गए
मैनपुर के अंतर्गत पायलीखंड एवं बेहराडीह के हीरा (डायमंड) खदानों का पता प्रशासन को 36-37 साल पहले अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में लगा था। तब से लेकर आज तक इलाके में हीरा तस्कर सक्रिय हैं। तब हीरा खदानों को सुरक्षा की दृष्टि से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निर्देश पर पायलीखंड एवं बेहराडीह जंगल को बारबेड़ वायर से घेरा कर सुरक्षित किया गया था। पायलीखंड के हीरा खदानों की सुरक्षा के लिए बीएसएफ की कंपनी तैनात की गई थी। खनिज विभाग ने चौकीदार नियुक्त किया था। मगर इसकी सुरक्षा पिछले कुछ वर्षों से भगवान भरोसे है।
नक्सलियों के दबाव में सुरक्षा लिया वापस
वर्ष 2006-07 में नक्सलियों के दबाव बढऩे से (Chhattisgarh Gariaband diamond mine Paylikhand Behradih smuggling no security) पायलीखंड हीरा खदान से बीएसएफ कंपनियों को खदान की सुरक्षा से वापस बुला लिया गया। वहीं बेहराडीह हीरा खदान की सुरक्षा से वन विभाग ने हाथ खड़ा कर लिया। उसके बाद से हीरा खदान की सुरक्षा भगवान भरोसे है। बताया जाता है कि यहां ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सीमावर्ती राजस्थान राज्य के व्यापारियों द्वारा आकर इस क्षेत्र से हीरा तस्करी कर ले जाते हैं। इसकी पुष्टि स्वयं विभाग करते रहा है।
न्यायालय में मामला.. 24 वर्षों से फैसले का इंतजार
पिछले 10 वर्षों में गरियाबंद जिले की पुलिस पायलीखण्ड एवं बेहराडीह हीरा खदान से अवैध तस्करी के सैकड़ों मामले दर्ज कर चुकी है। करोड़ों का हीरा तस्करों से बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 42 किमी दूर पायलीखण्ड एवं मैनपुर से 8 किमी दूर बेहराडीह हीरा खदान का मामला न्यायालय में होने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 24 वर्षों बाद भी सरकारी दोहन शुरू नहीं हो पाया है।
बारिश में ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान के तस्कर सक्रिय
बारिश के दिनों में हीरा खदानों में नदी-नालों में बाढ का फायदा उठाकर ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान के तस्कर बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन को अंजाम दे रहे हैं। तस्करों द्वारा जगह-जगह 10 से 20 फीट गहरे कुएं जैसे सैकड़ों गड्डे कर दिए गए हैं और तो और हीरा खदान की सुरक्षा के लिए निर्माण किए गए वर्षों पूर्व चौकियों को भी हीरा के तस्करों ने चारों तरफ से खोद डाला है। जांच में खुदाई में उपयोग किये जाने वाले औजार गैंती, रापा, सब्बल, तसला भी मिले हैं।
पायलीखंड और बेहराडीह में किंबर लाइट की पुष्टि
ढाई दशक पूर्व आस्ट्रेलिया से पहुंचे वैज्ञानिकों ने इन हीरा खदानों में एक दर्जन से ज्यादा किम्बर लाईट पाईप होने की बात सर्वेक्षण के बाद बताई थी। वैज्ञानिकों के अनुसार किम्बर लाईट पाईप कई किमी लंबी होती है और इन किम्बर लाइट पाईप में हीरा चिपका होता है आस्ट्रेलिया के बाद सबसे ज्यादा बहुमूल्य कीमती रत्न होने का दावा पायलीखंड और बेहराडीह हीरा खदान में किया गया था। बेहराडीह पायलीखण्ड हीरा खदान क्षेत्र में एक बड़े भू-भाग को जहां हीरा खदान के रूप में चिन्हाकित है उन स्थानों को बड़े-बड़े लोहे के हजारों एंगल लगाकर लगभग दोनों खदानों में 20 से 25 हेक्टेयर जमीन को चारों तरफ से घेरा गया था। सामने लोहे का गेट लगाया गया था। अब वहां से ये सुरक्षा घेरा गायब हो गया है।
खदान में लगातार गस्त : एसडीओपी
एसडीओपी पुलिस मैनपुर बाजीलाल सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर हीरा खदान क्षेत्रों का गस्त किया जाता है और अवैध उत्खनन पर कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने बताया पुलिस द्वारा लगातार अवैध उत्खनन रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
मामले को विधानसभा में उठाएंगे : विधायक ध्रुव
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव ने मामले में कहा कि हीरा खदान का मामला कोर्ट के अधीन है। सरकार से मांग की जाएगी। हीरा खदान की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जाए। साथ ही क्षेत्र की जनता की मांग है कि सरकारी तौर से जल्द से जल्द दोहन होना चाहिए। इससे मिलने वाले राजस्व इस क्षेत्र के विकास में लगाना चाहिए। इस क्षेत्र के युवाओं को इसमें रोजगार देना चाहिए।
सरकार को कराएंगे स्थिति से अवगत : पूर्व विधायक पुजारी
क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता डमरुधर पुजारी ने कहा हीरा खदान मामले से छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव सरकार को अवगत कराएंगे। क्षेत्र की जनता जल्द से जल्द मामले का कोर्ट से निराकरण की मांग करते हैं। उन्होंने कहा इसके सरकारी दोहन से मिलने वाले राजस्व से क्षेत्र और प्रदेश का विकास होगा।